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जानिए कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें, क्यों होते हर शहर के अलग-अलग भाव
जानिए कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें, क्यों होते हर शहर के अलग-अलग भाव | know who sets gold price? why gold price different for each city
जानिए कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें, क्यों होते हर शहर के अलग-अलग भाव..
हम सभी के लिए सोने की कीमतों में आई गिरावट उत्साहित करती है. इन दोनों बहुमूल्य धातुओं में गिरावट की खबर पढ़कर आप ज्वेलरी खरीदने की योजना बनाते हैं. लेकिन कई बार आपने पाया होगा कि बाजार में सोने का भाव अखबार या टीवी में दिखाई गर्इ कीमत से अधिक है. हर शहर के सोने के दाम अलग-अलग होते हैं. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर सोने के दाम कौन तय करता है? कैसे तय होते हैं? आइए जानते हैं सोने की कीमतों से जुड़े इस गूढ़ रहस्य को:
दो तरह होती हैं सोने की कीमतें
बाजार में सोने की कीमतें दो तरह की होती है. फ्यूचर प्राइस (वायदा) और स्पॉट प्राइस (हाजिर भाव). यहां हाजिर का आशय सर्राफा भाव से है. दोनों के भाव अलग-अलग होते हैं. हम आप जो सोना खरीदते हैं, वह स्पॉट प्राइस के तहत आता है. वायदा भाव, कमोडिटी एक्सचेंज पर कारोबरियों के लिए है जिसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव ज्यादा देखने को मिलता है. यह ठीक वैसा ही होता है जैसा शेयर बाजार जहां पर शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव कारोबारी समय में देखने को मिलता है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे तय होती हैं सोने की कीमतें
सोने की कीमतें कई फैक्टर से तय होती हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें तय करने के लिए लंदन में एक संचालन और प्रशासनिक इकाई है जो कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है. पहली बार 1919 में सोने की कीमत फिक्स की गई थी.
2015 के पहले लंदन गोल्ड फिक्स सोने की नियामक इकाई थी जो कीमतें तय करती थीं लेकिन 20 मार्च 2015 के बाद एक नई इकाई लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) बनाई गई. इसे ICE प्रशासनिक बेंच मार्क चलाता है. ICE ने 1919 में बने लंदन गोल्ड फिक्स ईकाई का स्थान लिया है. यह संगठन दुनिया के तमाम देशों की सरकारों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ मिलकर तय करता है कि सोने की कीमत क्या होनी चाहिए. लंदन के समय अनुसार दिन में दो बार सुबह 10:30 और शाम को 3 बजे सोने की कीमतें तय होती हैं.
भारत में कैसे तय होते हैं सोने की दाम
भारतीय बाजार में सोने की कीमत कैसे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) से तय होती हैं. यह संगठन भारतीय बाजार में सोने की मांग-आपूर्ति के आंकड़ों को जुटाकर और ग्लोबल मार्केट में मुद्रास्फीति की स्थिति को ध्यान में रखकर सोने की कीमतें तय करता है. साथ ही यह संगठन लंदन स्थित लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के साथ समन्वय करते हुए भी सोने की कीमत तय करता है. वायदा बाजार के भाव पूरे देश में एक से रहते हैं. हमें याद रखना होगा कि सर्राफा यानी हाजिर बाजार के मुकाबले वायदा बाजार में सोने की कीमतें कम होती हैं.
कैसे तय होते हैं सर्राफा बाजार के भाव
बाजार में आप जिस कीमत पर सोना ज्वैलर्स से खरीदते हैं, वह स्पॉट प्राइस यानी हाजिर भाव होता है. ज्यादातर शहरों के सर्राफा एसोसिएशन के सदस्य मिलकर बाजार खुलने के समय दाम तय करते हैं. एमसीएक्स वायदा बाजार में जो दाम आते हैं, उसमें वैट, लेवी एवं लागत जोड़कर दाम घोषित किए जाते हैं. वही दाम पूरे दिन चलते हैं. यही वजह है कि अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं. इसके अलावा, स्पॉट मार्केट में सोने की कीमत शुद्धता के आधार पर तय होती है. 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमत अलग-अलग होती है.
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Published: Oct 29 2018 - 06:56 IST | Updated: Oct 29 2018 - 06:56 IST
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