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नई शिक्षा नीति 2020 : स्कूलों में 10+2 सिस्टम खत्म, लागू होगी 5+3+3+4 की नई व्यवस्था, जानें पूरी डिटेल | New Education Policy 2020
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, पाठ्यक्रम लचीलेपन पर आधारित होगा, ताकि शिक्षार्थियों को अपने सीखने की गति और कार्यक्रमों को चुनने का अवसर हो.
मोदी सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा। इसका मतलब है कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा। यहां समझें कि क्या है 5+3+3+4 फार्मेट का सिस्टम-
नई शिक्षा नीति- स्कूल शिक्षा का नया ढांचा, 5+3+3+4 फार्मूला
फाउंडेशन स्टेज
पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे। फिर अगले दो साल कक्षा एक एवं दो में बच्चे स्कूल में पढ़ेंगे। इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। मोटे तौर पर एक्टिविटी आधारित शिक्षण पर ध्यान रहेगा। इसमें तीन से आठ साल तक की आयु के बच्चे कवर होंगे। इस प्रकार पढ़ाई के पहले पांच साल का चरण पूरा होगा।
प्रीप्रेटरी स्टेज
इस चरण में कक्षा तीन से पांच तक की पढ़ाई होगी। इस दौरान प्रयोगों के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी। आठ से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।
मिडिल स्टेज
इसमें कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी तथा 11-14 साल की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। कक्षा छह से ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू हो जाएंगे।
सेकेंडरी स्टेज
कक्षा नौ से 12 की पढ़ाई दो चरणों में होगी जिसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा। विषयों को चुनने की आजादी भी होगी।
पहले यह थी व्यवस्था
पहले सरकारी स्कूलों में प्री-स्कूलिंग नहीं थी। कक्षा एक से 10 तक सामान्य पढ़ाई होती थी। कक्षा 11 से विषय चुन सकते थे।
बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान
मूलभूत साक्षरता और मूल्य आधारित शिक्षा के साथ संख्यात्मकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्राथमिकता पर एक राष्ट्रीय साक्षरता और संख्यात्मकता मिशन स्थापित किया जाएगा. ग्रेड एक-तीन में प्रारंभिक भाषा और गणित पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. एनईपी 2020 का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रेड तीन तक के प्रत्येक छात्र को वर्ष 2025 तक बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान हासिल कर लेना चाहिए.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, पाठ्यक्रम लचीलेपन पर आधारित होगा, ताकि शिक्षार्थियों को अपने सीखने की गति और कार्यक्रमों को चुनने का अवसर हो. इस तरह जीवन में अपनी प्रतिभा और रुचि के अनुसार वे अपने रास्ते चुन सकेंगे. कला और विज्ञान, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं आदि के बीच में कोई भेद नहीं होगा. निशंक ने नई शिक्षा नीति के विषय में जानकारी देते हुए कहा, इससे सभी प्रकार के ज्ञान की महत्ता को सुनिश्चित किया जा सके, और सीखने के अलग-अलग क्षेत्रों के बीच के हानिकारक पदानुक्रमों और इनके बीच के परस्पर वर्गीकरण या खाई को समाप्त किया जा सके.
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Published: July 30, 2020 - 06:22 | Updated: July 30, 2020 - 06:22
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