A Smart Gateway to India…You’ll love it!
WelcomeNRI.com is being viewed in 121 Countries as of NOW.
A Smart Gateway to India…You’ll love it!
You are Here : Home » Ajab Gajab News » भारत ने खारिज किया नेपाल का दावा, अमेरिका ने चीन को फटकारा

भारत ने खारिज किया नेपाल का दावा, अमेरिका ने चीन को फटकारा | India rejects Nepal claim America rebukes China

India rejects Nepal claim America rebukes China

भारत ने कालापानी लिपुलेख और लिंपियाधूरा पर नेपाल के दावे को न केवल खारिज कर दिया बल्कि यह भी कहा कि भौगोलिक क्षेत्रों के कृत्रिम विस्तार को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

भारत के इलाकों को अपने नक्शे में दिखाकर मनमानी का परिचय दे रहे नेपाल को नई दिल्ली ने सख्त संदेश दिया है। भारत ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा पर नेपाल के दावे को न केवल खारिज कर दिया, बल्कि दो टूक ढंग से यह भी कहा कि भौगोलिक क्षेत्रों के कृत्रिम विस्तार को स्वीकार नहीं किया जाएगा। नई दिल्ली की नेपाल को यह भी नसीहत है कि उसे अनुचित दावों से बचना चाहिए। चीन की शह पर आंखे तरेर रहे नेपाल ने बुधवार को अपने देश का नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें भारतीय क्षेत्रों को उसने अपने इलाकों के रूप में चिन्हित किया।

नेपाली पीएम के बिगड़े बोल, कहा- भारत का वायरस चीन और इटली से भी खतरनाक

यही नहीं, नेपाली पीएम ने तो अपने देश में फैलते कोरोना वायरस के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहरा दिया है। इस सबके बीच चीन के साथ सीमा विवाद पर अमेरिका ने पहली बार खुलकर भारत का समर्थन किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को संसद में अपने संबोधन के दौरान भारत से तनाव बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा, भारत से आने वाला कोरोना वायरस चीन और इटली से भी खतरनाक है। उन्होंने नेपाल में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारत से ही संक्रमित लोग नेपाल में आ रहे हैं।

अमेरिका ने बीजिंग को क्षेत्र के लिए बताया खतरा

अमेरिका ने कहा है कि सीमा पर तनावपूर्ण माहौल से पता चलता है कि चीन क्षेत्र के लिए कितना खतरा बन सकता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि लिंपियाधूरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र पर नेपाल का दावा कतई अस्वीकार्य है। नेपाल का यह कदम ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है। यह दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुद्दों को कूटनीतिक बातचीत के जरिए सुलझाने को लेकर बनी सहमति के भी खिलाफ है। नेपाल ने सीमा पर नई चौकियां भी बना दी हैं। कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा, तीनों ही क्षेत्र उत्तराखंड राज्य में पड़ते हैं। भारत ने हाल ही में लिपुलेख पास और धारचूला को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कराया है, जिसको लेकर भी नेपाल ने आपत्ति जताई थी और उसी के बाद यह नया नक्शा जारी किया है।

अमेरिका ने नए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की बात भी की

अमेरिका ने लद्दाख के साथ ही सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हाल के दिनों में बने तनावपूर्ण माहौल पर गंभीर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण व केंद्रीय एशिया प्रभाग की सबसे वरिष्ठ अधिकारी एलिस वेल्स ने चीन के इस चिंताजनक व्यवहार के संदर्भ में कहा है कि इसी वजह से अमेरिका एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय आर्डर की वकालत कर रहा है जिसमें सभी के लिए फायदेमंद हो।

डोकोलाम पर भी साथ आया था अमेरिका

ट्रंप प्रशासन की तरफ से चीन-भारत सीमा विवाद में खुल कर भारत के पक्ष में आने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले वर्ष 2017 में जब डोकलाम में दोनो देशों की सेनाएं आमने-सामने आई थी तब भी अमेरिका ने भारत के पक्ष में बयान दिया था। लेकिन इस बार अमेरिकी अधिकारी का बयान ज्यादा सीधा व साफ है। बुधवार को एशिया प्रशांत क्षेत्र पर आयोजित एक वेबिनार में एलिस वेल्स ने भारतीय पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी रणनीति पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि चाहे दक्षिण चीन सागर हो या भारत के साथ जुड़ी सीमा, चीन का व्यवहार सिर्फ दिखावा करने तक सीमित नहीं है बल्कि यह भड़काने वाला और चिंताजनक है। यह भी बताता है कि चीन का व्यवहार किस तरह का खतरा पैदा कर सकता है।

मई के पहले हफ्ते में दोनों देशों के सैनिकों की बीच हुई थी झड़प

इस महीने के पहले हफ्ते में लद्दाख और सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र में भारत व चीन की सैनिकों के बीच झड़पें हुई हैं। उसके बाद दोनो देशों की तरफ से ना सिर्फ सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है बल्कि लगातार सीमा पर गश्त भी जारी है। वैसे बुधवार को यह सूचना भी आई है कि दोनो देशों की सेनाओं के बीच विवाद को सुलझाने को लेकर गंभीर चर्चा शुरु हो गई है।

अपने लोगों का ख्याल रखे नेपाल

नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद होने में चीन की भूमिका की तरफ भी वेल्स ने इशारा किया और उम्मीद जताई कि नेपाल सरकार अपनी जनता के हितों के लिए खड़ी होगी और एक सार्वभौमिक देश होने के तौर पर वह चीन से कोई आदेश नहीं लेगा।

पाकिस्तान को भी किया आगाह

वेल्स ने चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर का भी जिक्र किया और कहा कि यह पाकिस्तान के हित में नहीं होगा। उन्होंने इस परियोजना को एक गैर पारदर्शी, गलत और दूसरे देश को संकट में डालने वाला बताया।

Tags: India China border dispute India Nepal border dispute India Nepal dispute Kalapani news Lipulekh news Limpiyadhura news KP Sharma Oli Nepal New political map External Affairs Ministry Anurag Shrivastava Alice Wells

You may be intrested in

A Smart Gateway to India…You’ll love it!

Recommend This Website To Your Friend

Your Name:  
Friend Name:  
Your Email ID:  
Friend Email ID:  
Your Message(Optional):