A Smart Gateway to India…You’ll love it!
WelcomeNRI.com is being viewed in 121 Countries as of NOW.
A Smart Gateway to India…You’ll love it!
« Home   वास्तु शास्त्र टिप्स | Special Vaastu Shastra Tips For Your Home in Hindi.

भूमि परीक्षा की दूसरी विधि | The second ground test method.

पूर्वकथित प्रकार से गड्ढ़े को खोदें। बाद में उसमें जल भर कर, वहां से सौ पद तक जाकर वापस लौट आएं। इतने समय में गड्ढे का जल ज्यों का त्यों बना रहे, तो शुभ होता है।

ढलान के अनुसार भूमि की परीक्षा: उत्तरी तरफ ढाल वाली भूमि ब्राह्मणों को, पूर्व की ओर ढाल वाली भूमि क्षत्रियों को, दक्षिण की ओर ढाल वाली भूमि वैश्यों की ओर पश्चिम की ओर ढाल वाली भूमि शूद्रों के लिए शुभ होती है। ब्राह्मण चारों ओर की ढालू भूमि में घर बना सकता है। शेष वर्णों के लिए अपनी-अपनी दिशा की ढालू वाली भूमि पर ही घर बनाना उत्तम रहता है।

वराहमिहिर का वास्तु ज्ञान: वराह मिहिर ने चार दिशाओं के अनुसार चतुर्दिशा भूमि पर चारों वर्णों के संदर्भ में विचार किया। परंतु वास्तु शास्त्र में इस वर्गीकरण को, अत्यंत विस्तृत आकार दे कर, 26 प्रकार की भूमियों का नामोल्लेख किया गया है, जिनके नाम और प्रभाव इस प्रकार से है:

  • गोवीथी: जो भूमि पश्चिम में ऊंची और पूर्व में नीची हो, उसे गोवीथी कहते है। ऐसी भूमि पुत्र संतान की वृद्धि करती है। वास्तुविद्या 2/2/3 में कहा है – वरूण का स्थान (पश्चिम) ऊँचा हो तथा इन्द्र का स्थान (पूर्व) नीचा हो तो ऐसी भूमि को गोवीथी वास्तु कहते हैं। अर्थात पश्चिम से पूर्व की ढाल वाली भूमि को गोवीथी वास्तु कहते हैं। यह भूमि वृद्धिकारक होती है। (पूर्वप्लवावृद्धिकरी)। ऐसी भूमि श्रेष्ठ बतायी गयी है। इस भूमि पर निवास करने से आयु, बल, यश की वृद्धि होती है, मनुष्य सभी सम्पत्तियों से युक्त होता है व राज्य से सम्मान पाता है तथा सदा आनन्दपूर्वक रहता है।
  • जलवीथी: जो भूमि पूर्व में ऊंची और पश्चिम में नीची हो, उसे जलवीथी कहते है। यह भूमि संतान का नाश करती है। अर्थात जो भूखंड पूर्व से ऊंचा व पश्चिम से नीचा हो, उसे जलवीथी भूखंड कहते हैं। यह भूखंड अशुभ होता है और इस पर वास करने से वंश का नाश होता है। यमवीथी भूखंड : जो भूखंड उत्तर से ऊंचा व दक्षिण से नीचा हो, यमवीथी भूखंड कहलाता है। ऐसी भूमि पर वास करने से व्यक्ति रोगग्रस्त होता है।
  • भूमि परीक्षा की दूसरी विधि
  • यमवीथी: जो भूमि उत्तर में ऊंची और दक्षिण में नीची हो, उसे यमवीथी कहते है। ऐसी भूमि आरोग्य नाश करती है। अर्थात जो भूखंड उत्तर से ऊंचा व दक्षिण से नीचा हो, यमवीथी भूखंड कहलाता है। ऐसी भूमि पर वास करने से व्यक्ति रोगग्रस्त होता है।
  • गणवीथी: जो भूमि दक्षिण में ऊंची और उत्तर में नीची हो, उसे गणवीथी कहते है। ऐसी भूमि आरोग्य लाभ देती है। ऐसे भूखंड पर वास करने से व्यक्ति निरोग रहता है।

How to select any land on the basis of Colour in Vastu. Vastu or Feng Shui remedies without demolition by Welcomenri.com.

Tags: भूमि परीक्षा की दूसरी विधि, the second ground test method, vastu shastra tips, vastu tips online, vastu shastra, vastu shastra popular articles, vastu for home, special vastu tips, what is vastu shastra, vastu shastra in india, वास्तु शास्त्र, vastu shastra in hindi.

A Smart Gateway to India…You’ll love it!

Recommend This Website To Your Friend

Your Name:  
Friend Name:  
Your Email ID:  
Friend Email ID:  
Your Message(Optional):