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पढ़े: नवरात्रि में क्या करे क्या ना करे, देवी दुर्गा के ये 10 मंत्र करेंगे आपकी हर मनोकामना पूरी

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नवरात्रि में क्या करे?

नवरात्रि के प्रत्येक दिन 9 अलग अलग माँ के रूपों की पूजा की जाती है. इस 9 दिनों में पवित्रता और शुद्धि का विशेष ध्यान रखा जाता है. इन नियमो का पालन और विधिपूर्वक की गयी पूजा से माँ दुर्गा की कृपा से साधनाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और नकारात्मक उर्जा ख़त्म होती है.

  • जितना हो सके लाल रंग के आसन पुष्प वस्त्र का प्रयोग करे क्योकि लाल रंग माँ को सर्वोपरी है.
  • सुबह और शाम मां के मंदिर में या अपने घर के मंदिर में दीपक प्रज्जवलित करें। संभव हो तो वहीं बैठकर मां का पाठ करें दुर्गा सप्तसती और दुर्गा चालीसा पढ़े.
  • हर दिन माँ की आरती का थाल सजा कर आरती करे.
  • मां को हर दिन पुष्प माला चढाएं.
  • नौ दिन तन और मन से उपवास रखें.
  • अष्टमी-नवमीं पर विधि विधान से कंजक पूजन करें और उनसे आशीर्वाद जरूर लें.
  • घर पर आई किसी भी कन्या को खाली हाथ विदा न करें.
  • नवरात्र काल में माँ दुर्गा के नाम की ज्योति अवश्य जलाए। अखण्ड ज्योत जला सकते है तो उतम है। अन्यथा सुबह शाम ज्योत अवश्य जलाए.
  • ब्रमचर्य व्रत का पालन करें। संभव हो तो जमीन पर शयन करें.
  • नवरात्र काल में नव कन्याओं को अन्तिम नवरात्र में घर बुलाकर भोजन अवश्य कराए। नवरात्रि में नव कन्याओ का पूजन करे और आवभगत करे.

नवरात्रि में क्या ना करें?

  • जहां तक संभव हो नौ दिन उपवास करें। अगर संभव न हो तो लहसुन-प्याज का सेवन न करें। यह तामसिक भोजन की श्रेणी में आता है.
  • कैंची का प्रयोग जहां तक हो सके कम से कम करें। दाढी, नाखून व बाल काटना नौ दिन तक बंद रखें.
  • निंदा, चुगली, लोभ असत्य त्याग कर हर समय मां का गुनगाण करते रहें.
  • मां के मंदिर में अन्न वाला भोग प्रसाद अर्पित न करे.

टॉप 10 दुर्गा मंत्र - Top 10 Durga Mantra

हिंदू धर्म में देवियों के वर्ग में देवी दुर्गा को शक्ति का अवतार मानकर उनकी आराधना की परंपरा प्राचीन काल से चलती आ रही है. शक्ति के उपासक और साधक को शाक्त कहा जाता है. शक्ति-साधक यानी शाक्त अनेकानेक मंत्रों से देवी दुर्गा और उसके विभिन्न अवतारों और रूपों की उपासना करते हैं.

नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा की पूजा-स्तुति विशेष रूप से की जाती है. यहां प्रस्तुत हैं, कुछ चुनींदा मंत्र और श्लोक जिनका देवी दुर्गा की पूजा और उपासना में विशेष महत्व है: top 10 durga mantra

  1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥

    साधक इस मंत्र का जप सभी प्रकार के विघ्नों दूर करें और महामारी नाश के लिए करते हैं.

  2. रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र।
    दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम्॥

    साधक इस मंत्र का जप विविध उपद्रवों से बचने के लिए करते हैं.

  3. देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
    प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥

    साधक इस मंत्र का जप विपत्तियों के नाश के लिए करते हैं.

  4. सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी।
    त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः॥

    साधक इस मंत्र का जप स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति के लिए करते हैं.

  5. नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे।
    रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

    साधक इस मंत्र का जप भक्ति प्राप्ति के लिए करते हैं.

  6. प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि।
    त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव॥

    साधक इस मंत्र का जप प्रसन्नता प्राप्ति के लिए करते हैं.

  7. देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
    रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

    साधक इस मंत्र का जप जीवन में आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करते हैं.

  8. हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
    सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव॥

    साधक इस मंत्र का जप अपने पापों को मिटाने के लिए करते हैं.

  9. यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च।
    सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु॥

    साधक इस मंत्र के द्वारा अशुभ प्रभाव और भय का विनाश करने के लिए देवी दुर्गा की आराधना करते हैं.

  10. देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या।
    तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः॥

    साधक इस मंत्र का जप सामूहिक कल्याण के लिए करते हैं.

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