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देव दीपावली व्रत 2025
देव दीपावली व्रत 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि और महत्व | Dev Deepawali 2025 Date & Puja Muhurat
देव दीपावली व्रत 2025 — तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा और पूजा विधि
Dev Deepawali 2025 : देव दीपावली 2025 का पर्व 5 नवंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन काशी के घाटों पर दीपों से गंगा तट जगमगा उठता है। जानें देव दीपावली की पूजा विधि, कथा, शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व।
- दीप तैयारी: मिट्टी के दीये में घी/तेल भरें और पोखर पर रखें।
- ध्यान और मन्त्र जाप: ह्रदय में श्रद्धा लेकर नीचे दिये गए मंत्रों का जाप करें।
- दीपदान: प्रदोष मुहूर्त में दीप जलाकर गंगा (यदि पास हो) या घर के बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर दीप रखें।
- घाट पर दीपदान करते समय ध्यान रखें कि दीप आसानी से बह न जाए—छोटी नाव या फूल से सजाकर दीप तैराना भी पारंपरिक है।
- आरती और प्रार्थना: छोटे आरती गीत (गंगा आरती) करें और देवताओं से सुख-समृद्धि की कामना करें।
- प्रसाद वितरण: पूजा संपन्न होने पर प्रसाद वितरित करें व परिवार के साथ भोग लगायें।
मन्त्र (संक्षिप्त)
ॐ नमः शिवाय
ॐ ह्रीं गंगे नमः
(आप अपने पारंपरिक मंत्रों का उच्चारण करें या पुरोहित से मार्गदर्शन लें)
नोट: किसी विशेष मंत्र या अनुष्ठान के लिये अपने पारंपरिक पुरोहित/पंडित से परामर्श लें — वे आपकी जाति/परिवार परंपरा के अनुसार सही मन्त्र और विधि बताएँगे।
5. व्रत नियम (सरल और पालन करने योग्य)
- व्रत करनेवाले का स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनना अनिवार्य है।
- दिन भर हल्का आहार या निर्जला व्रत—जो भी परंपरा में आपके परिवार ने निर्धारित किया है—उसका पालन करें।
- रात के समय गंगा तट पर जाने वाले निर्देशों और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
- यदि वृद्ध या रोगी हों तो कठोर नियम न अपनाएँ; डॉक्टर या पारिवारिक सलाह लें।
6. घाट पर दीपदान करते समय सावधानियाँ
- भीड़भाड़ में अपना परिचय पत्र और मोबाइल साथ रखें।
- बच्चों का ध्यान रखें—घट के किनारे सावधानी बरतें।
- दीप/घी से जुड़े किसी भी प्रकार की आग से बचाव हेतु निर्देशों का पालन करें।
- घाट पर कचरा न छोड़ें; पर्यावरण की रक्षा करें—बायोडिग्रेडेबल दीप/लताओं का उपयोग उत्तम है।
7. स्थानीय कार्यक्रम और बोट राइड
मुख्य घाटों पर आधिकारिक आरती, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रकाश-प्रदर्शन आयोजित होते हैं। यदि आप घाट से आरती देखना चाहें तो बोट बुक करना सर्वोत्तम माना जाता है—अग्रिम बुकिंग की सलाह दी जाती है।
8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न: क्या देव दीपावली केवल वाराणसी में ही मनाई जाती है?
उत्तर: प्रमुख रूप से वाराणसी में यह महत्त्वपूर्ण रूप से मनाई जाती है, पर कई अन्य तीर्थ और गंगा-संबंधित स्थानों पर भी लोग दीपदान करते हैं।
प्रश्न: क्या मैं घर पर भी यह व्रत कर सकता/सकती हूँ?
उत्तर: बिलकुल—घाट पर जाने में असुविधा हो तो घर पर ही पूजा विधि और दीपदान करके भी व्रत का फल पाया जा सकता है।
प्रश्न: व्रत के दौरान किन मंत्रों का मनन करूँ?
उत्तर: ओम नमः शिवाय और गंगा स्तुति के संक्षिप्त मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है; व्यक्तिगत परंपरा के अनुसार पंडित से पूछें।
9. उपयोगी सुझाव (Travel & Practical Tips)
- होटल/हॉमस्टे पहले से बुक कर लें—त्योहारों में आवास जल्दी भर जाते हैं।
- घाट पर जाने के लिये हल्का बैग और आरामदायक जूते पहनें।
- रात के कार्यक्रमों के लिये गर्म कपड़े साथ रखें (यदि मौसम ठंडा हो)।
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Published: Nov 06, 2025 - 06:22 | Updated: Nov 06, 2025 - 06:22
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