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स्टेमिना बढ़ाने के लिए राजा-महाराजा करते थे इन चीजों का उपयोग

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नई दिल्ली: आप दिन भर काम करते हैं। शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से इतना थक जाते हैं कि रात को बिस्तर मिलते ही नींद आ जाती है। भागती-दौड़ती लाइफ में ऐसा होना आम है। लेकिन आपने सुना और पढ़ा होगा कि राजा- महाराजा तो हमेशा जवान बने रहते थे। वो हरदम स्टेमिना से भरपूर नजर आते थे।

अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर वो इतने एनर्जेटिक कैसे थे। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद में बताए गए इन नुस्खों की जानकारी राजाओं-महाराजाओं को वैद्यों से मिला करती थी। बस फिर क्या। इन्हीं के बूते वो अपना स्टेमिना हमेशा एक सा बनाए रखने में कामयाब होते थे। मगर कौन-कौन से हैं वो नुस्खे।

सफेद मुसली: सफेद मुसली का उपयोग इन्फर्टिलिटी और स्पर्म की कमी को दूर करने के साथ ही मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता था। नुस्खा - एक चम्मच मुसली पाउडर को दूध-मिश्री के साथ रोज सुबह-शाम लिया जाता था।

केसर: नसों में खून का सही तरीके से प्रवाह न हो पाने के कारण जननांग में फैलाव की कमी, इन्फर्टिलिटी आदि को दूर करने के लिए केसर का उपयोग किया जाता था। नुस्खा - चुटकी भर केसर को गुनगुने दूध के साथ रात को लिया जाता है।

शतावर: शतावर का उपयोग जनन अक्षमता यानी इन्फर्टिलिटी को दूर करने, शराब, धूम्रपान या तनाव जैसे कारणों से होने वाले इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नसों में खून का पूरी तरह न पहुंचना) के साथ ही स्पर्म की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है। नुस्खा - एक चम्मच मिश्री और गाय के घी के साथ आधा चम्मच शतावर का पाउडर लें। बाद में दूध लें।

शिलाजीत: इम्युनिटी, बुढ़ापा, इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नसों में खून का सही तरीके से प्रवाह न हो पाने के कारण जननांग में फैलाव की कमी, कमजोरी के लिए शिलाजीत का उपयोग किया जाता है। नुस्खा - चावल के दाने बराबर या फिर इसकी चुटकी भर भस्म को गाय के घी या शहद के साथ लिया जाता है।

इमली के बीज: शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने, इरेक्टाइल डिशफंक्शन, एनर्जी की कमी को दूर करने लिए इमली के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। नुस्खा - इमली के बीजों को भूनकर पाउडर बना लें। इसके बाद इसे दो चम्मच सुबह-शाम मिश्री और गुनगुने दूध के साथ लिया जाता है।

आंवला: यूरिन प्रॉब्लम, स्पर्म बढ़ाने, इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए भी आंवले का उपयोग किया जाता है। नुस्खा - एक चम्मच आंवला पाउडर और उतनी ही मिश्री सोने से पहले लें। बाद में गुनगुना दूध भी पी लें।

अश्वगंधा: स्पर्म की कमी, इम्युनिटी, कमजोरी वगैरह के लिए अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है। नुस्खा - सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा का पाउडर लिया जाता है।

पुनर्नवा: पुनर्नवा (Boerhaavia diffusa) को गदहपूरना भी कहते हैं। यह सूजन, दर्द, खांसी आदि को कम करने के लिए इस्तेमाल में ली जाती है। जानकारी के मुताबिक कुछ लोग इसका उपयोग एंटी एजिंग, इम्युनिटी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए भी करते हैं। नुस्खा - आधा चम्मच पुनर्नवा का पाउडर एक चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम लिया जाता है।

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