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मुहूर्त विचार | Muhurat Vichar

जब गुरु, शुक्र, सूर्य तथा चंद्रमा अपने उच्च स्थान में हो, बलवान हो, तो गुरु, सूर्य तथा चंद्रमा का बल ले कर गृहारंभ करना शुभ फलदायक होता है।

नींव प्रारंभ के समय मेष का सूर्य प्रतिष्ठादायक, वृष का सूर्य धन वृद्धिकारक, कर्क का शुभ, सिंह हो तो नौकर-चाकर में वृद्धिकारक, तुला का सूर्य सुखदायक, वृश्चिक में धन वृद्धिकारक, मकर का सूर्य धनदायक तथा कुंभ का सूर्य रत्न लाभ देता है।

गृहारंभ में स्थिर या द्विस्वभाव लग्न होना चाहिए, जिसमें शुभ ग्रह बैठे हों, या लग्न पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ती हो।

महर्षि पराशर के अनुसार चित्रा, शतभिषा, स्वाति, हस्त, पुष्य पुनर्वसु, रोहिणी, रेवती, मूल, श्रवण, उत्तराफाल्गुनी, धनिष्ठा, उत्तरायण, उत्तराभाद्रपद, अश्विनी, मृगशिरा और अनुराधा नक्षत्रों में जो मनुष्य वास्तु पूजन करता है, उसको लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

वास्तुपूजनमेतेषु नक्षत्रेषु करोति यः।
समाप्नोत नरो लक्ष्मीमिति प्राह पराशरः।।

गृह निर्माण काल: कुंडली में गुरु, शुक्र, सूर्य तथा चंद्रमा में से कोई भी तीन ग्रह उच्च के, या स्वगृही हो, दसवें स्थान में बुध हो, लग्न में सूर्य, गुरु, शुक्र, या चंद्र स्वगृही या उच्च हो, तो ऐसे घर की आयु दो सौ वर्ष की होती है तथा उस घर में चिरकाल तक लक्ष्मी का निवास रहता है।

निषिद्ध वचन

रवि और मंगल को गृहारंभ न करें।

मेष,कर्क, तुला और मकर लग्न में गृहारंभ न करें।

गृहारंभ काल की कुंडली बनाएं। उसमें तीसरे, छठें और ग्यारहवें स्थान में पाप ग्रह हो, तो गृहारंभ न करें।

गृह कुंडली में छठे, आठवें तथा बारहवें में शुभ ग्रह हो, तो गृहारंभ न करें।

मंगलयुक्त हस्त, पुष्य, रेवती, मघा, पूर्वाषाढ़ा और मूल, इन नक्षत्रों को यदि मंगलवार हो, तो उस दिन प्रारंभ किया गया घर अग्नि भय, चारी एवं पुत्र क्लेश देने वाला होता है।

शनेश्चरयुक्त कर्क, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, ज्येष्ठा, अनुराधा, स्वाति और भरणी, इन नक्षत्रों में शनिवार के दिन प्रारंभ किया हुआ घर राक्षसों और भूतों से युक्त रहता है।

गृहारंभ के दिन सूर्य निर्बल, अस्त या नीच का हो, तो गृह निर्माण करने वाले की स्त्री का मरण होता है।

गृह प्रारंभ के दिन बृहस्पति निर्बल, अस्त या नीच स्थान में हो, तो धन का नाश होता है।

रिक्ता तिथि 4/9/14 को गृहारंभ न करें।

नींव प्रारंभ काल में मिथुन का सूर्य मृत्यु देने वाला होता है और कन्या का सूर्य रोग भय देता है।

गृहारंभ सिंह लग्न में वर्जित है।

मिथुन, कन्या, धनु और मीन के सूर्य में नवीन गृह का निर्माण न करें।

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