A Smart Gateway to India…You’ll love it!
WelcomeNRI.com is being viewed in 121 Countries as of NOW.
A Smart Gateway to India…You’ll love it!
« Home   वास्तु शास्त्र टिप्स | Special Vaastu Shastra Tips For Your Home in Hindi.

वास्तु शस्त्र: वास्तु दिशा की शक्तियां | Powers of architectural direction by vastu shastra.

वास्तु दिशा की शक्तियां | Powers of architectural direction by vastu shastra

आप यह महसूस करते है कि आपके घर के एक विशेष हिस्से में अपनी तिजोरी रखने के बाद से आपके खर्चे अनायास बढ़ गए है? आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि आप अपने घर के किसी एक खास बेडरूम में बहुत तनावमुक्त महसूस करते है और आप को नींद भी अच्छी आती है; लेकिन यदि आप किसी अन्य कमरे में सोते है; तो आप ठीक से नहीं सो पाते? छोटी-छोटी निरर्थक बातों या मुद्दों पर परिवार में झगड़े बढ़ गए है? आपके बच्चे अपने अध्ययन कक्ष में पढ़ने की जगह कहीं और पढ़ना पसंद करते है? सभी सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद मनचाहा परिणाम प्राप्त नहीं हो रहा है? इत्यादि।

किसी दिशा में रखी गई वस्तुएँ और उस में होने वाली गतिविधियाँ उस दिशा से संबंधित आपके भावों को प्रभावित करती है। यदि आपका बेडरूम उत्कंठा एवं विश्लेषण वाले दिशा में स्थित है तो आप कभी तनावमुक्त महसूस नहीं करेंगे। उल्टे, आपका अपने पति या पत्नी से हमेशा मतभेद बना रहेगा। उसी तरह, यदि आप के बच्चों की पढ़ाई का मेज अध्ययन एवं शिक्षा के दिशा में रखी है तो वे प्राकृतिक रूप से अपने अध्ययन में प्रवृत्त रहेंगे और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इसी तरह, यदि शौचालय लाभ के दिशा में है, तो आप आशाजनक परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे।

दिशा और आपके जीवन पर पड़ने वाले इनके प्रभावों पर एक नजर डालते है।

उत्तर-पूर्व (उ.प)

स्पष्टता एवं बुद्धि का दिशा - यह प्रज्ञा और ध्यान का दिशा है। दूरदृष्टि, पूर्वाभास, विजन, प्रेरणा सभी इसी दिशा से आती है। यह ध्यान के लिए आदर्श दिशा है।

पूर्व उत्तर-पूर्व (पू.उ.प)

मनोरंजन का दिशा - इस दिशा से आनेवाली शक्ति आपकी सोच से नकारात्मकता हटाकर आपके दिमाग में सकारात्मक विचारों और प्राणशक्ति को भर देती है। यह आपके जीवन में मनोरंजन और ताजगी को संचालित करती है। पारिवारिक बैठक के लिए यह आदर्श दिशा है।

पूर्व (पू)

सामाजिक संपर्क का दिशा - एक सार्थक जीवन जीने के लिए आपको अपने सह-यात्रियों के सहयोग की जरूरत पड़ती है, चाहे वह कार्य हो, खेल हो अथवा घर। पूर्व दिशा द्वारा उत्पन्न शक्ति इस सामाजिक संयोजकता को सुसाध्य बनाती है। यह ड्राइंग रूम के लिए आदर्श दिशा है।

पूर्व-दक्षिण-पूर्व (पू.द.पू)

उत्कंठा एवं विश्लेषण का दिशा - इस दिशा की ऊर्जा आपके विचारों को गहराई प्रदान करती है और चीजों को समझने की एक गहरी समझ आपको देती है। क्षीण होने पर यह दिशा विवेकहीन निर्णयों एवं निष्फल प्रयासों को देता है। इसके अति क्रियाशील होने पर विचार ही विचार रहते है; प्रयास नहीं। यह कपड़े धोने के लिए आदर्श दिशा है।

दक्षिण-पूर्व (द.पू)

नगद दिशा - यह नगद धन का दिशा है जो अग्नि कोण के नाम से भी जाना जाता है। इस दिशा की ऊर्जा आपके जीवन में जोश, लगन, साहस और का समावेश करती है। मौद्रिक पूंजी की उपलब्धता दक्षिण-पूर्व दिशा की ऊर्जा का परिणाम है। यह कैश काउंटर या टेबल रखने के लिए आदर्श दिशा है।

दक्षिण-दक्षिण-पूर्व (द.द.पू)

शक्ति और आत्मविश्वास का दिशा - यदि किसी भवन में यह दिशा कमजोर है, इसमें रहने वाले लोग शक्ति, सहनशक्ति, जोश, एवं पौरूष में कमी महसूस करेंगे। वे आलस्य के पंक में फंसे रहेंगे; उत्साह की कमी और आत्मविश्वास से रहित महसूस करेंगे। यह रसोईघर के लिए आदर्श दिशा है।

दक्षिण (द)

आराम व यश का दिशा - यह दिशा दिनभर की थकान के बाद आपको पुनः ऊर्जावान बनाने में सहायता प्रदान करता है। सबसे महत्वपूर्ण, यह शोहरत, पहचान और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने वाला दिशा है। गृहस्वामी के शयनकक्ष के लिए यह आदर्श दिशा है।

Tags: Powers of architectural direction by vastu, वास्तु दिशा की शक्तियां, Power of 16 MahaVastu Zones, Complete Vastu Guide,vastu shastra tips, vastu tips online, vastu shastra, vastu shastra popular articles, vastu for home, special vastu tips, what is vastu shastra, vastu shastra in india, वास्तु शास्त्र, vastu shastra in hindi.

A Smart Gateway to India…You’ll love it!

Recommend This Website To Your Friend

Your Name:  
Friend Name:  
Your Email ID:  
Friend Email ID:  
Your Message(Optional):