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स्वयं, स्वयंप्रभा योजना क्या है ? जानिए डीटीएच के माध्यम से शैक्षणिक सामग्री | Swayam and Swayam Prabha Scheme in Hindi


क्या है भारत चीन डोकाला सीमा विवाद, जानिए…

swayam prabha digital learning scheme

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में ई-शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्वयं, स्‍वयं प्रभा और राष्‍ट्रीय शैक्षिक संकलन की शुरूआत की है। इस डिजिटल पहल का उद्देश्‍य वर्ष 2020 तक उच्‍च शिक्षा में दाखिले के अनुपात को साढे चौबीस से बढ़ाकर तीस करना है।.. …

शिक्षा को समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ और सुगम बनाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ‘स्वयं प्रभा’ नाम से 32 विशेष टीवी चैनलों की योजना बनाई है। ये चैनल दिन में करीब 4 घंटे अलग-अलग विषयों पर लाइव कार्यक्रम प्रसारित करेंगे।

राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी योजना | About Revolutionary Digital Learning Initiatives

भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने दो डिजिटल शिक्षा पहलों- स्वयं और स्वयं प्रभा का उद्घाटन किया। इसका शुभारंभ रविवार 9 जुलाई 2017 को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर किया गया। इसी दिन देश भर में गुरू या शिक्षकों की पूजा की जाती है। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार श्री अरविंद सुब्रमण्यम और इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव अजय साहनी उन लोगों मे से एक हैं जिन्होंने लॉन्चिंग समारोह में भाग लिया।

राष्ट्रपति ने लॉन्चिंग के समय कहा है कि “डिजिटल टेक्नोलोजी से अच्छे शिक्षक बड़ी संख्या में छात्रों को सीधे सिखाने के योग्य हैं। जो छात्र / छात्रा शारीरिक रूप से कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो सकते हैं वह घर पर ही पढ़ाई कर सकेगें। आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) समाधान एक इंटरैक्टिव लर्निंग का अनुभव प्रदान करते हैं, जिससे देश के दूरदराज के इलाकों के छात्रों को शीर्ष शिक्षकों के व्याख्यान से फायदा हो सकता है।”

स्वयं और स्वयं प्रभा के अतिरिक्त, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दो अन्य पहलों की शुरूआत की। यह दो पहल राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (एनएडी) और राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) हैं।

स्वयं कक्षाएँ

स्वयं एक विशाल ओपन ऑनलाइन कोर्सोज (एमओओसीएस) की पहल है। इसका अर्थ है कि स्वयं के तहत शैक्षणिक पाठ्यक्रम ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे और डिजिटल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों तक पहुँचा जा सकता है। इसमें देश का कोई भी व्यक्ति पंजीकरण कराकर शिक्षा ग्रहण कर सकता है। यदि कोई छात्र स्वयं की पहल के माध्यम से प्रमाणीकरण चाहता है, तो मामूली शुल्क पर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इस पहल के माध्यम से सभी अध्ययन सामग्री और कक्षा में हुए परीक्षण के वीडियो को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री के अनुसार स्वयं योजना के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर से स्नातक स्तर तक का पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा।

स्वयं प्रभा

स्वयं प्रभा प्रत्यक्ष रूप से डायरेक्ट टू होम (सीधे आपके घर)सुविधा है। इसका मतलब यह है कि कक्षा के व्याख्यान और अनुभव को 32 डिजिटल शैक्षिक टेलीविजन चैनलों के माध्यम से सीधे इच्छुक छात्रों तक उपलब्ध कराया जाएगा, जो अब एचआरडी मंत्रालय द्वारा चलाए जाएंगें। इन चैनलों को डिश एंटीना और टेलीविजन द्वारा कोई भी व्यक्ति देख सकता है। इन चैनलों पर नई शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, जो प्रत्येक दिन कम से कम 4 घंटे प्रसारित होगी। किसी कारणवश जो छात्र एक समय इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने से चूक गये हैं उनके लिए इस कार्यक्रम को दोबारा प्रसारित किया जाएगा। स्वयं प्रभा योजना कक्षा दस के स्तर से लेकर आईआईटी तक के प्रारंभिक पाठ्यक्रमों को कवर करेगी। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, यह पहल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता के बँटवारे की खाई को भरने में मदद करेगी।

हाईस्कूल स्तर के छात्रों के लिए आईआईटी पाल नाम से चैनलों को लाया जा रहा है। ये चैनल 19 से लेकर 22 तक होंगे। इनका प्रबंधन आईआईटी दिल्ली करेगा और इसके कोऑर्डिनेटर प्रो. रवि सोनी होंगे। 23 से 26 और 32वें चैनल इग्नू के प्रबंधन में होंगे और उनका कोऑर्डिनेटर प्रो. उमा कुंजाल को बनाया गया है। वहीं 27 और 28 नंबर के चनलों को एनआईओएस देखेगी और इसके चेयरमैन प्रो सीबी शर्मा ही कोऑर्डिनेटर भी होंगे। 29 और 30 नंबर वाले चैनलों के प्रबंधन को क्यूईईई देखेगी और आईआईटी मद्रास के प्रो. अशोक झुनझनवाला इसके कोऑर्डीनेटर होंगे।

राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (NAD)

राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी योजना अभी शुरू की गई है। यह एक डिजिटल बैंक है, जिसका उपयोग शैक्षणिक संस्थानों द्वारा शैक्षिक डिग्री, प्रमाणपत्र और देश भर के उच्चतर शिक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाने वाले डिप्लोमा को सुरक्षित करने के लिए किया जा सकता है। इसमें इन प्रमाण पत्रों को खोने का डर भी नहीं होगा। इस डिपॉजिटरी के उपयोग से छात्रों और प्रमाण पत्र धारकों के साथ शैक्षणिक संस्थानों तथा भावी नियोक्ताओं के द्वारा किये जाने वाले प्रमाण पत्रों के सत्यापन और प्रमाणीकरण में तेजी और आसानी आयेगी। इसके साथ ही फर्जी डिग्रियों और प्रमाण पत्रों के सत्यापन की समस्या से निजात मिल जायेगी।

एनएडी सरकार का यह विचार इस साल के शुरू में वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के बजट भाषण में शुरू हुआ था। राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी से एचआरडी मंत्रालय (मानव विकास मंत्रालय) की फर्जी डिग्री और विश्वविद्यालयों के बारे में बढ़ती चिंताओं को हल करने की उम्मीद है, इस प्रकार कर्मचारियों, शैक्षिक संस्थानों और छात्रों को सहायता मिलेगी।

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) (NDL)

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) एक ऑनलाइन लाइब्रेरी है। यह देश में किसी को भी 70 लाख से ज्यादा किताबों तक पहुँचने में मदद करेगी। नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में किताबें स्कैन करके अपलोड की गई हैं। यह भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन लाइब्रेरी है इसमें काफी उपयोगी और मनोंरजक किताबें पढ़ी जा सकेंगी।

पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा चैनल

पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा चैनल इस प्रकार है :-

कला, विज्ञान, व्यापार, कला प्रदर्शन, सामाजिक विज्ञान, मानविकी विषयों, अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी, कानून, दवा और कृषि है।

स्वयं प्रभा योजना की विशेषताएं (Features Swayam Prabha scheme)

  1. कला, विज्ञान, वाणिज्य, कला प्रदर्शन, सामाजिक विज्ञान और मानविकी के विषयों, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि आदि के रूप में पाठ्यक्रम आधारित पाठ्यक्रम दिखाए जायेगे
  2. प्रारंभ में कार्यक्रम अंग्रेजी भाषा मैं दिखाए जायेगे। लेकिन कुछ समय के बाद सरकार क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यक्रमों का शुभारंभ किया जाएगा

छात्रों को स्वयं प्रभा योजना से मदद

  1. तस्वीरें, वीडियो और विषय विशेषज्ञों के द्वारा इंटरैक्टिव अध्ययन दिया जायेगा
  2. सामग्री देखने के बाद, छात्रों को एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से अपने संदेह स्पष्ट कर सकते हैं
  3. मंत्रालय ने विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति की है। इन विशेषज्ञों के द्वारा अध्ययन सामग्री का चयन किया जायेगा। विषय विशेषज्ञों की मदत से छात्र अपने सवाल का जवाब ले पाएंगे।

इस क्रांतिकारी पहल के लागू होने के साथ, देश में किसी भी योग्य छात्र के लिए उच्च शिक्षा, विशेषकर गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा पहुँच से बाहर नहीं होगी। कोई भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाला बच्चा संसाधन, पैसा या अवसर की कमी के कारण वंचित नहीं रहेगा। जय हिंद।

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