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RBI Monetary Policy : RBI ने रेपो रेट में की आधा फीसदी की बढ़ोतरी, जानें- मौद्रिक नीति की मुख्य बातें | Main Points of RBI Monetary Policy


Monetary Policy Repo rate hike

RBI Monetary Policy Main Points : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी. यह इसका तीन साल का उच्चस्तर है. खुदरा महंगाई को काबू में लाने और विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि से उत्पन्न दबाव से निपटने के लिये केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.

RBI Monetary Policy : बढ़ती महंगाई की चिंताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को घोषित मौद्रिक नीति की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:

  • प्रमुख नीतिगत दर रेपो 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.90 प्रतिशत हुई, जो तीन साल का सबसे ऊंचा स्तर है.
  • वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर सात प्रतिशत किया गया. अगस्त में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी.
  • सितंबर तिमाही में जीडीपी के 6.3 फीसदी, दिसंबर और मार्च की तिमाहियों में 4.6 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद.
  • मुद्रास्फीति का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया
  • दिसंबर तक मुद्रास्फीति के आरबीआई के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान.
  • भारत की कच्चे तेल की खरीद की औसत कीमत 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद.
  • आरबीआई कीमतों को काबू में रखने को लिए उदार मौद्रिक नीति के रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
  • आरबीआई ने कहा कि रुपये की चाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले व्यवस्थित है. इस साल 28 सितंबर तक सिर्फ 7.4 प्रतिशत की गिरावट हुई.
  • आरबीआई ने रुपये के लिए कोई निश्चित विनिमय दर तय नहीं की है. अत्यधिक अस्थिरता पर अंकुश लगाने के लिए बाजार में हस्तक्षेप किया जाता है.
  • इस साल 23 सितंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 67 प्रतिशत घटकर 537.5 अरब डॉलर रह गया.
  • केंद्रीय बैंक को बाह्य क्षेत्र के घाटे को पूरा करने का भरोसा.
  • बाह्य कारणों से वस्तुओं का निर्यात प्रभावित हुआ, निजी खपत में तेजी आ रही है.
  • कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में हाल में हुई गिरावट अगर टिकाऊ रही, तो मुद्रास्फीति से राहत मिल सकती है.
  • बैंक ऋण 16.2 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ा है.
  • मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 दिसंबर में होगी.
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