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वानाक्राई रैंसमवेयर वायरस क्या है?, उसका प्रभाव व सावधानियां | What is Ransomware virus effects and protection


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12 मई 2017 को दुनियाभर में कप्‍यूटरों पर एक वायरस का हमला हुआ है, जिससे भारत भी अछूता नहीं है इस वायरस का नाम है वानाक्राई यह एक रैंसमवेयर वायरस है, तो आईये जानते हैं क्‍या है 'वानाक्राई' रैंसमवेयर वायरस - What is Wanna Cry Ransomware Virus.. …

क्‍या है वानाक्राई रैंसमवेयर वायरस - What is Wanna Cry Ransomware Virus

रैंसमवेयर वायरस जैसा की नाम से ही पता चलता है यह एक दुर्भावनापूर्ण और हानिकारक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जोकि यह किसी भी रूप में अपने आप आपके कंप्यूटर सिस्टम या स्मार्ट फ़ोन में अपने आप लोड हो जाता है. जिस वजह से जब भी आप अपने कंप्यूटर या स्मार्ट फ़ोन को खोलेंगे, आपके सामने एक पेज खुलेगा जिसमे आपको अपने ही सिस्टम को खोलने के लिए पैसे का भुगतान करने को कहा जायेगा या यह भी कह सकते है कि आप से फ़िरौती मांगी जाएगी. ज्यादातर इस तरह के वायरस हमले बड़े कारोबारी संगठनों पर होते है.

रैंसमवेयर वायरस ने बैंकिंग क्षेत्रों और अस्पतालों के कार्य क्षेत्रों के कई कंप्यूटर प्रणालियों को प्रभावित किया है, जिनमे रुसी बैंक के कंप्यूटर, ब्रिटिश अस्पताल और फ्रांसीसी कार निर्माता कंपनी रीनॉल्ट के कारखाने के कंप्यूटरों को इस वायरस के द्वारा नुकसान पहुचाया गया है. इस तरह की घटना को सबसे बड़े साइबर फिरौती के रूप में वर्णित किया जा रहा है. साइबर सिक्योरिटी कंपनी हेलसिंकी के एफ़सिक्योर में मुख्य शोध अधिकारी के रूप में कार्यरत मिक्को ह्य्प्पोनें ने बताया है कि भारत और रूस विशेष रूप से इस साइबर हमले से ज्यादा मुश्किल में है क्योकिं इन दोनों देशों में अभी भी व्यापक रूप से पुराने विन्डोज़ एक्सपी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल और उपयोग होता है.

कैसे काम करता है रैंसमवेयर?

WannaCry रैंसमवेयर का एक रूप है जो कि आपके कम्प्यूटर्स की फाइल को लॉक कर देता है और उन फाइलों को इस तरह से एन्क्रिप्ट करता है कि फाइलों का उपयोग असंभव हो जाता है। रैंसमवेयर के हमले के बाद सिस्टम में मौजूद कोई भी सॉफ्टवेयर और एप नहीं चलता है।

कैसे फैलता है रैंसमवेयर?

रैंसमवेयर एक प्रोग्राम है जो कि किसी गलत चीज को क्लिक करने या गलत चीज को डाउनलोड करने पर आपके कम्प्यूटर में प्रवेश कर जाता है। जिसके बाद यह प्रोग्राम आपके सिस्टम को लॉक कर देता है और इसे वापस पाने के लिए आपको फिरौती (Ramsom) देने की जरुरत होती है। यानी की WannaCry प्रोग्राम आपकी फाइल्स को एन्क्रिप्ट कर देता तो फिर से फाइल को एक्सेस करने के लिए पेमेंट की मांग करता है। पेमेंट बिटकॉइन में करनी होती है। बता दें कि बिनकॉइन दुनिया की सबसे महंगी ऑनलाइन करेंसी है। एक बिनकॉइन की कीमत 1700 डॉलर से ज्यादा है। भारतीय मुद्रा में बात की जाए तो 1 बिटकॉइन की कीमत सवा लाख रुपए के आसपास है।

रैंसमवेयर वायरस से भारत में प्रभावित राज्य (Ransomware effect in India)

इस तरह के वायरस हमले से देश के कई राज्य प्रभावित हुए है,

आंध्रप्रदेश : आंध्रप्रदेश पुलिस के 102 कंप्यूटर सिस्टम रैंसमवेयर वायरस से संक्रमित हुए है, जिसकी पुष्टि सीईआरटी- इन अर्थात भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी एजेंसी रिस्पांस टीम ने इस हमले की खबर को सही बता कर की है.

गुजरात : गुजरात सरकार की सुचना प्रौधोगिकी (गुजरात स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) से जुड़े विभिन्न सरकारी विभागों के लगभग 120 कंप्यूटर रैंसमवेयर वायरस से प्रभावित हुए हैं. हालाँकि इस वजह से कोई महत्वपूर्ण डाटा का नुकसान नहीं हुआ है. इस तरह के हैकिंग हमलों को रोकने के लिए गुजरात स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर लोड करके और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपग्रेड करके इससे बचने की कोशिश की जा रही है.

महाराष्ट्र : रैंसमवेयर के हमले से महाराष्ट्र पुलिस विभाग का कंप्यूटर आधारित डेटा सिस्टम का एक छोटा भाग प्रभावित हुआ है, जिसको एहतियात के तौर पर और सारे सिस्टम से अलग कर दिया गया है. साथ ही पुलिस विभाग ने मांगी गयी फिरौती का लोगों को पैसे का भुगतान ना करने का निर्देश दिया है.

बंगाल : इस वायरस से बंगाल के स्टेट इलेक्ट्रिसिटी के कुछ कंप्यूटर प्रभावित हुए है. बंगाल के बिजली अधिकारियों के अनुसार बंगाल के पश्चिम मिदनापुर के 4 ब्लॉक जिनमे शामिल बेल्दा, दतन, नरायणगृह और केसहियारी ब्लॉक आदि है जिनके बिजली विभाग के कंप्यूटर प्रभावित हुए है. साथ ही दक्षिण दिनाजपुर में बालूघाट के भी बिजली विभाग का कंप्यूटर प्रभावित हुआ है.

मशीन पर रैंसमवेयर वायरस का प्रभाव (Ransomware effects in machine)

रैंसमवेयर आपको अपने कंप्यूटर सिस्टम का उपयोग करने से रोकते हुए फिरौती की मांग करता है. अगर आपने फिरौती का भुगतान कर दिया तो ये जरुरी नहीं है कि वो आपके सिस्टम को फिर से उपयोग करने ही दे. रैनसमवारे पैसे को मांगने के लिए 20 भाषाओं का उपयोग करते है. वन्यक्राई नामक रैनसमवारे वायरस कंप्यूटर फाइलों को लॉक करके उन्हें एंक्रिप्ट करता है, जिससे उपयोगकर्ता अपने सिस्टम को खोल नहीं सकता यह एक पुराना वायरस है इसी तरह का एक और वायरस है जिसका नाम मैलवेयर है, जोकि पीड़ितों को स्पैम में इमेल करता है जिसको खोलने पर आपके सामने बड़ी कंपनियों में नौकरी की पेशकश, सुरक्षा सम्बन्धी चेतावनी तथा और भी अनिवार्य फाईलों को प्रदर्शित करता है. जिस पर किल्क करते ही आपके सामने फिरौती की पेशकश होगी अन्यथा आपके सिस्टम को नुकसान पहुचाने की धमकी. इस तरह यह इस वायरस का प्रभाव आपके सिस्टम पर पड़ता है.

रैनसम वायरस की फिरौती राशी (Ransomware virus)

रैंसमवेयर ने 150 से भी ज्यादा देशों में कंप्यूटरों पर हमला करके 2,00,000 से भी अधिक विंडोज कंप्यूटर को इस वायरस ने प्रभावित किया है. जब एक विन्डोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम रैंसमवेयर जैसे हानिकारक वायरस से प्रभावित होता है तो एक पॉप-अप विन्डोज़ रैंसमवेयर के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देती है और फिर बिटकोइन में पैसे को जमा करके अपने सिस्टम को प्राप्त करने के लिए कहा जाता है. साथ ही आपको अपने विन्डोज़ सिस्टम के बाएं तरफ़ दो घड़ी दर्शित होगी जिसमें एक में उल्टी गिनती दिखाएगी जोकि राशी को जमा करने के लिए तीन दिन की समय सीमा को दिखाएगी और दूसरी में जब आप का विन्डोज़ सिस्टम वायरस से क्षतिग्रस्त होकर अपने सारे डाटा खो देगा उसकी समय सीमा को दर्शित करेगा.

रैंसमवेयर बिटकोइन में कम से कम 300 डॉलर तक की राशी का भुगतान प्रत्येक कंप्यूटर के लिए करने को कहेगा, जिसका रूपये में मूल्य 19,252 रूपये से अधिक हो सकता है साथ ही अगर आपने इस राशी का भुगतान नहीं किया, तो जो पॉप-अप विन्डोज़ पर घड़ी तीन दिन की समय सीमा दिखाती है उस समय सीमा के अन्दर ही दंड स्वरुप आपको जमा कराने वाली राशी का दुगुना भुगतान करना पड़ेगा, अर्थात देरी होने पर 300 डॉलर के बदले 600 डॉलर का भुगतान करना पड़ेगा.

रैनसमवार वायरस को रोकने का तरीका और सावधानी की आवश्यकता (Ransomware virus protection)

एक लाख कंप्‍यूटर्स को हैक कर चुके इस वायरस से बचने के लिए आपको कुछ जरूरी टिप्‍स बता रहे हैं। ताकि आपका सिस्‍टम और डाटा सुरक्षित रहे।

1. संदिग्‍ध ईमेल को न खोलें :

वायरस कई प्रकार के होते हैं। आमतौर पर हैकर्स किसी न किसी लिंक या मेल के जरिए आपके कंप्‍यूटर में वायरस डाल देते हैं। ऐसे में किसी भी संदिग्‍ध ईमेल या लिंक को खोलने से पहले दस बार सोच लीजिए। इधर एक बार आपने क्‍लिक किया, और सारी जानकारी हैकर्स तक पहुंच जाती है। इस तरह की मेल खोलते ही एक खास कोर्ड आपके कंप्‍यूटर में प्रवेश कर जाता है, जो सभी फाइलें लॉक कर देता है। इसलिए हो सके, तो बिना जान-पहचान की मेल या लिंक को जितना हो सके अवॉयड करें।

2. डाटा का बैकअप जरूर रखें :

साइबर हमले का मुख्‍य उद्देश्‍य आपके सिस्‍टम में रखे डाटा को हैक करना होता है। ऐसे में आप अपने डाटा की बैकअप फाइल बनाकर जरूर रखें। और उसे किसी पेन ड्राइव, सीडी या हार्ड ड्राइव में सेव करके रख लें। अगर किसी तरह का वायरस आपके सिस्‍टम में आता है तो कम से कम आपके पास बैकअप में डाटा सेव तो रहेगा।

3. सॉफ्टवेयर होना चाहिए अपडेट :

सिस्‍टम सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखना चाहिए। साइबर हमला आमतौर पर ऐसे कंप्‍यूटर पर होता है जो अपडेट नहीं होते। सॉफ्टवेयर अपडेशन में हमेशा साइबर सिक्‍युरिटी से जुड़े पहलुओं को शामिल किया जाता है। ऐसे में इसे इग्‍नोर नहीं करें।

4. डाटा कहां रखना चाहिए, ताकि रहे सेव :

साइबर अटैक उन सिस्‍टम पर होता है जो इंटरनेट से कनेक्‍ट रहते हैं। बिना इंटरनेट कनेक्‍शन के किसी भी सिस्‍टम को हैक करना या उसपर साइबर हमला करना असंभव है। ऐसे में आपका डाटा भी सुरक्षित रहेगा।

5. एंटी वायरस रखें इंस्‍टॉल :

सिस्‍टम में एंटी-वायरस जरूर रखें ताकि कोई छोटा साइबर हमला होता है, तो वह आपके डेटा को हैक होने से बचा लेगा।

इस तरह बचें इस हमले से

  • यदि आपका पर्सनल या कॉर्पोरेट सिस्टम पुराने विंडोज वर्जन यानी XP, 8, या खासतौर पर Server 2003 पर चलता है तो आपको तुरंत माइक्रोसॉफ्ट का नया सुरक्षा अपडेट इंस्टॉल करने की जरूरत है।
  • अंजान आईडी से मिले ईमेल बिलकुल न खोलें। हालांकि अधिकांश मामलों में यह वायरस यूजर से संपर्क में आए बगैर भी फैल गया है। कई देशों ने तो ऐसी मशीनों को इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करने का फैसला कर लिया है, जिनमें सिक्यॉरिटी फीचर्स नहीं हैं।
  • एंटी वायरस अपडेट करें और उसे तुरंत रन करें। हालांकि यह प्रयास रैंसमवेयर के अधिकांश मामलों में नाकाम रहे हैं।
  • अपना सिस्टम तुरंत बंद कर दें और आईटी एक्सपर्ट की सलाह लें। इसके अलावा कोई दूसरा उपाय अभी दुनिया में किसी को नहीं सूझा है।
  • अवांछित ईमेल वाली किसी भी यूआर लिंक्स को क्लिक न करें। 
  • ऐसी लिंक्स पर क्लिक न करें और ईमेल अटैचमेंट्‍स को न खोले जबतक कि इसकी वैधता की भलीभांति जांच न हो जाए। 
  • हालांकि आपको लग सकता है कि यह मेल किसी ज्ञात स्रोत, ईमेल आईडी से आया है और ऐसी फाइलों को कभी भी खोलने की जल्दबाजी न करें।

अंततः इस तरह के दुर्भाग्यपूर्ण हमलों से बचने के लिए सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है, जिसके अंतर्गत हमेशा सतर्क रहते हुए किसी भी अनजाने फाइल को डाउनलोड न करे और न ही किसी ऐसी लिंक पर किल्क करे जिसको आप नहीं जानते है, जो पूरी तरह से आपके लिए अंजान हो इस तरह के लिंक और फाइलों पर ध्यान न दे. अगर आप इस तरह के हमले का शिकार हो गए, तो यह आपके सिस्टम को ख़राब करते हुए, आपके सारे इन्फोर्मेशन को हैक कर आपके दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर सकता है.

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Jai Hind!

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