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एनआरई एनआरओ अकाउंट में अंतर, खोलने का तरीका और लाभ | NRE NRO Account Open, Documents Required Benefits & Difference


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भारत की बैंकिंग प्रणाली में कई तरह के खाते खोले जाने की सुविधा है, फिर चाहे वह भारत में रहने वाले नागरिकों के लिए हो या विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक के लिए हो. यहाँ विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए दो तरह के अकाउंट है.

NRE NRO Account Open, Documents Required Benefits & Difference

सरकार प्रवासी भारतीयों यानी एनआरआई को विदेश से यहां रुपया-पैसा भेजने के लिए खाता खोलने की सहूलियत देती है। इनमें एनआरई और एनआरओ एकाउंट सबसे लोकप्रिय हैं।

एनआरई अकाउंट क्या है (What is NRE Account)

भारतीय बैंकिंग परिभाषा के अनुसार एनआरई (नॉन –रेजिडेंशियल अकाउंट) उस तरह के फण्ड के लिए इस्तेमाल होता है, जिसे वैसे आर्थिक संस्थानों में रखा जाता है जो भारतीय मुद्रा तथा विदेशी मुद्रा को एक से दूसरे रूप में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है. उदाहरण स्वरूप एक एनआरई अकाउंट कोई एक एनआरआई या ऐसा भारतीय हो जाये वर्ष में कम से कम 180 दिन भारत से बाहर रहा हो, खोल सकता है. इस तरह का अकाउंट मुख्यतः विदेशी मुद्रा की सहायता से खोला जाता है, जो खाताधारक हो किसी विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा यानि रूपए अथवा रूपए को विदेशी मुद्रा में बदलने की सुविधा देता है. खाताधारक बहुत ही आसानी से इस अकाउंट की सहायता से फण्ड भारत से बाहर भी भेज सकता है.

एनआरई अकाउंट कैसे खोलें (How to open NRE Account)

मुख्यतः एनआरई अकाउंट सेविंग बैंक, करेंट अकाउंट, टर्म डिपाजिट, स्पेशल टर्म डिपोजिट और रेकरिंग डिपाजिट के रूप में खुलता है.

एनआरई अकाउंट के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (NRE Account documents required)

इसके लिए कई एनआरई अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों का विवरण नीचे दिया जा रहा है,

  • दो स्वयं अभिपत्रित पासपोर्ट साइज़ फोटो.
  • टेलीफोन बिल, इलेक्ट्रिक बिल का प्रतिलिपि.
  • पासपोर्ट, रेसिडेंस वीसा,
  • भारतीय एम्बेसी से अभिपत्रित आईडी कार्ड की प्रतिलिपि.
  • फॉर्म पर खाताधारक का हस्ताक्षर, ये हस्ताक्षर भारतीय एम्बेसी, कांसुलेट, हाई कमिश्नर अथवा बैंक के जान पहचान के किसी व्यक्ति द्वारा सत्यापित होना चाहिए.

कई बैंकों में इसके अतिरिक्त एक kyc फॉर्म भरने को कहा जाता है. ये kyc फॉर्म मुख्यतः FATCA अथवा CRS आवश्यकताओं के लिए भराया जाता है. इसके लिए मुख्यतः ग्राहक को बैंक द्वारा मांगे जाने वाले आवश्यक kyc दस्तावेज़ देना होता है.

एनआरई बैंक अकाउंट के लाभ (NRE Account benefits)

एनआरई अकाउंट कई तरह के होते हैं, यहाँ पर सभी तरह के एनआरई अकाउंट के फायदों का वर्णन सम्मिलित रूप से किया जाएगा.

टैक्स लाभ : एनआरई अकाउंट खोलने के बड़े लाभों में एक है टैक्स लाभ. भारत में चल रहे एनआरई अकाउंट में प्राप्त ब्याज पूरी तरह से कर मुक्त है. साथ ही यदि खाताधारक किसी तरह से भी भारत में आय करता है तो, ये लाभ आय कर के अधीन भी नहीं आता है. इस लाभ के कारण ये एनआरई फिक्स डिपोजिट एनआरआई लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. ये लाभ केवल एनआरआई लोगों को ही मिल सकता है.

देश प्रत्यावर्तन लाभ : ये भी एनआरई अकाउंट का एक बहुत बड़ा फायदा है. खाताधारक मूल धन एवं ब्याज दोनों ही विदेश में भी बहुत आसानी से अपने खाते से निकाल सकता है. साथ ही एक देश से दुसरे देश खाते के माध्यम से धन पहुंचाया भी जा सकता है. एनआरई अकाउंट का फण्ड ट्रांसफ़र भी हर तरह से कर मुक्त होता है.

कम बैलेंस की आवश्यकता : पब्लिक और प्राइवेट बैंकों में इसको लेकर शुरू से ही प्रतियोगिता रही है. इस प्रतियोगिता की वजह से कई बैंक कम से कम बैलेंस पर खाता चालू रखने की सुविधा देते है. इसके न्यूनतम बैलेंस के आंकड़े में काफ़ी गिरावट आई है. इन दिनों आईसीआईसीआई, एचडीएफ़सी आदि बैंकों के साथ कई अन्य बैंक भी 10,000 रूपए तक की न्यूनतम राशि रखने की सुविधा देते हैं.

उच्च व्याज दर : एनआरई सेविंग अकाउंट और एनआरई फिक्सड डिपोजिट दोनों पर ही अच्छे ब्याज दर दिए जा रहे हैं. ये दर विभिन्न बैंकों में विभिन्न होता है. कई बैंक 6 प्रतिशत तो कई 4 प्रतिशत तक ब्याज देते हैं. इसकी सबसे ख़ास बात ये है कि व्याज का हिसाब रोज़ के क्लोजिंग बैलेंस के आधार पर होता है. इस व्याज का भुगतान सभी बैंक अक्सर अर्ध वार्षिक तौर पर जून के महीने में करते है.

सुगमता : एनआरई खाता खुलवाना बहुत आसान है, कई बैंक इसके लिए ऑनलाइन की सुविधा देते है. अपने चुने गये बैंक के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर सिर्फ फॉर्म भरना होता है. फॉर्म भरने के बाद उसका प्रिंट आउट लेकर आवश्यक दस्तावेज़ों को स्व- अभिपत्रित करके भारत के बैंक के एड्रेस पर कोरियर कर देना होता है. कई बैंक ये काम भी ख़ुद ही करते हैं. बैंक का प्रतिनिधि स्वयं आकर आपके दस्तावेज़ ले जाता है, या आप बैंक द्वारा चालू किये गये पोस्टल सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं.

जॉइंट होल्डिंग : एनआरई अकाउंट खाताधारक जॉइंट अकाउंट के तहत भी खोल सकता है. खाताधारक अपने बच्चों अथवा बीवी के साथ जॉइंट अकाउंट खोल सकता है. अतः जॉइंट अकाउंट के सारे लाभ खाताधारक को मिल पाता है.

मुख्तारनामा : एनआरई खाताधारक अपने अकाउंट को चलने के लिए अपने अलावा किसी और को भी अपने साथ रख सकता है. ये मुख्त नाम सिर्फ यहीं तक होता है कि खाताधारक के नहीं रहने पर चयनित आदमी उनके खाते का सञ्चालन करेगा. कई बैंक ऐसे खातों के लिए चेक बुक तथा एटीएम मुफ्त उपलब्ध कराते है.

एनआरओ अकाउंट क्या है (What is NRO Account)

एनआरओ अकाउंट में एनआरओ का अर्थ नॉन रेजिडेंशियल आर्डिनरी अकाउंट होता है. इसके अंतर्गत वे लोग अपने पैसे ज़मा करते हैं, जिन्हें एनआरआई होना होता है. एक एनआरओ अकाउंट में रखे गये पैसे को विदेशी मुद्रा में किसी भी तरह से नहीं बदला जा सकता है. उदाहरण स्वरुप, ऐसे अकाउंट भारत के नागरिक द्वारा भारत स्थित किसी बैंक में किसी कारण वश विदेश जाने से पहले अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए खोला जाता है. एक एनआरओ अकाउंट किसी भारतीय को विदेश में काम करके पैसे कमाने और अकाउंट में जमा करने का मौक़ा देता है. विदेश में किसी भी स्थान पर कार्य करके इस अकाउंट में पैसा ज़मा किया जा सकता है.

एनआरओ अकाउंट कैसे खोलें (How to open NRO Account)

एनआरओ अकाउंट खोलना भी एनआरई अकाउंट की तरह ही बहुत आसान है. अपने चुने गये बैंक के कॉल सेंटर पर फ़ोन करके इस बारे में जानकारी ले सकते हैं. कई बार बैंक आवेदक के ईमेल पर एनआरओ फॉर्म भेज देता है, जिसे भरते समय आप कॉल सेंटर पर फ़ोन करके मदद ले सकते हैं. एक बार फॉर्म भर लेने के बाद एक प्रिंट निकाल लें. नीचे इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी जा रही है.

एनआरओ अकाउंट के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (NRO Account documents required)

आवासीय देश के अनुसार कुछ आवश्यक दस्तावेज़ देने होते है. इसके लिए कुछ मूलभूत आवश्यक दस्तावेज़ का वर्णन नीचे दिया जा रहा है,

  • अपने पासपोर्ट के प्रथम एवं अंतिम पन्ने की प्रतिलिपि.
  • पासपोर्ट के वीसा पेज की कॉपी
  • किसी तरह की दो आवासीय प्रमाण पत्र, जिसके अंतर्गत आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस, फ़ोन या अन्य तरह का बिल, बैंक स्टेटमेंट आदि दिया जा सकता है.
  • सही तरीक़े से भरा हुआ अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक फॉर्म
  • पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ
  • कई बैंकों के वेबसाइट पर नोटराईज़ड दस्तावेज़ की मांग की जाती है, किन्तु अधिकतर समय ये स्वतः अभिपत्रित होने से भी हो जाता है.
  • इसके बाद सभी दस्तावेज़ों को दिए गये डाक संख्या पर प्रेषित कर दें.

एनआरओ अकाउंट से लाभ (NRO Account benefits)

  • भारत में कमाए धन को विदेश जाने के पहले इस अकाउंट में सुरक्षित रखा जा सकता है. विदेश जाने से पहले कमाये गये धन संचय का ये बहुत ही अच्छा तरीक़ा है.
  • इसमें जमा की गयी राशि विदेश में निकाली नहीं जा सकती, अतः जमा की गयी राशि तब तक सुरक्षित रहेगी जब तक खाताधारक वापस भारत न आ जाए.
  • विदेश में खाताधारक जिस भी जगह काम कर रहा हो, वहाँ से इस खाते का इस्तेमाल करके अपने कमाए गये पैसे संचित कर सकता है.
  • सभी रेजिडेंट और नॉन रेजिडेंट भारतीय इस खाते में जॉइंट अकाउंट के लिए भागीदार बन सकते हैं.
  • इस खाते से सिर्फ लोकल इस्तेमाल के लिए पैसे निकाले जा सकते हैं, किसी भी तरफ की निवेश के लिए इसका प्रयोग नहीं हो सकता है.

एनआरई और एनआरओ अकाउंट में अंतर (Difference between NRE and NRO Account)

किसी भी एनआरआई को खाता खोलने से पहले अपनी सुविधानुसार इन दोनों में से एक माध्यम चुन लेना चाहिए. नीचे इन दोनों तरह के अकाउंट के बीच मुख्या अंतरों को दिया जा रहा है

  • एनआरई अकाउंट की सहांयता से धन विदेश से अपने देश भेजा भी जा सकता है और संचित धन का इस्तेमाल विदेश में भी किया जा सकता है, इसके लिए किसी तरह का कर अथवा कोई शुल्क भी बैंक को नहीं देना पड़ता है, वहीँ दूसरी तरफ एनआरओ में अधिकतम 1 मिलियन डॉलर तक की ही डिपोजिट किया जा सकता है, जिस पर कई तरह के टैक्स भी हुए होते हैं.
  • एनआरई खाता हर तरह से टैक्स फ्री होता है, इसमें जमा होने वाले पैसे उसके व्याज सभी टैक्स फ्री होते हैं, वहीँ दूसरी तरफ़ एनआरओ अकाउंट में आयकर, वेल्थ टैक्स, गिफ्ट टैक्स आदि लगे हुए होते हैं.
  • एनआरई खाताधारक यदि किसी तरह से भारत में लाभ कमाता है, तो वह अपने अकाउंट में इस लाभ को संचित नहीं कर पायेगा. किन्तु एक एनआरओ अकाउंट में ये संचय हो सकता है. एनआरओ खाताधारक उसके द्वारा भारत में कमाए जा रहे पैसे को एनआरओ अकाउंट में जमा कर सकता है.
  • एनआरई अकाउंट के खाताधारक सिर्फ एक एनआरई खाताधारक से ही जॉइंट अकाउंट रख सकता है, किन्तु एक एनआरओ खाताधारक एक एनआरई खाताधारक के साथ ही एक भारतीय नागरिक के साथ भी जॉइंट अकाउंट चला सकता है.
  • यदि कोई एनआरआई अपने द्वारा विदेश में कमाये गये पैसे को आसानी से रूपए में बदलना चाहता है, तो उसके लिए एनआरई अकाउंट ही सही है किन्तु यदि कोई एनआरआई अपना एक व्यापार भारत में भी चला रहा है और उसके लाभ को रूपए की शक्ल में ही रखना चाहता है तो एनआरओ खाता उतम होगा.

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