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RBI Monetary Policy: RBI ने किया मौद्रिक नीति का ऐलान, नहीं मिलेगी ईएमआई पर छूट, रेपो रेट 4 फीसद पर बरकरार | Shaktikanta Das Says No Change in Repo and Reverse Repo Rate, EMI will Not Come Down

RBI Monetary Policy

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास नई मौद्रिक नीति को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। बता दें रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक चार अगस्त को शुरू हुई थी। आज समिति बैठक के नतीजों की घोषणा की जा रही है। आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4 फीसद पर बरकरार रखा है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 पर स्थिर रखा है। जबकि लोन ईएमआई पर छूट पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। इसका मतलब लोन पर ईएमआई पर छूट इस महीने के बाद नहीं मिलेगी। इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त होने जा रही है। बैंक अधिकारी इसके दुरूपयोग की आशंका को लेकर इसकी मियाद बढ़ाये जाने का विरोध कर रहे थे।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि MPC ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है। जनवरी से लेकर जून तक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रही।

दूसरी छमाही में महंगाई बढ़ने का अनुमान

आरबीआई को दूसरी छमाही में महंगाई बढ़ने का अनुमान है। खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं। आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में बाधायें बरकरार हैं जिससे विभिन्न क्षेत्रों में महंगाई का दबाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल जून में वार्षिक महंगाई दर मार्च के 5.84 फीसद के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसद हो गई। यह RBI के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है। RBI का यह टारगेट 2-6 फीसदी है। उन्होंने कहा कि FY21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है। इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर बनी है। वैश्विक आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई है, कोविड-19 मामलों में उछाल ने पुनरुद्धार के शुरुआती संकेतों को कमजोर किया है। गवर्नर मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का रुख उदार बना रहेगा।

रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के असर को सीमित करने के लिए पिछले कुछ समय से लगातार सक्रियता से कदम उठा रहा है। तेजी से बदलती वृहद आर्थिक परिस्थिति तथा वृद्धि के बिगड़ते परिदृश्य के कारण रिजर्व बैंक की दर निर्धारण समिति को पहले मार्च में और फिर मई में समय से पहले ही बैठक करने की जरूरत पड़ी थी। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था, हमारा ध्यान पुनर्गठन पर है। वित्त मंत्रालय आरबीआई के इस बारे में बातचीत कर रहा है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक कर्ज लौटाने को लेकर दी गई मोहलत के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी कर सकता है।

दोबारा पेमेंट हैबिट शुरू करना मुश्किल: रघुराम राजन

वहीं रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन चेता रहे हैं कि बैंकों को मोरटोरियम की सुविधा तुरंत खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने आंध्र प्रदेश के माइक्रोफाइनेंस का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर बैंक यह सुविधा नहीं बंद करते हैं तो कुछ दिनों में फिर उसी तरह का संकट पैदा हो सकता है। राजन ने कहा, "एक बार अगर आप लोगों को यह कहते हैं कि EMI चुकाने की जरूरत नहीं है तो उनमें दोबारा पेमेंट हैबिट शुरू करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि वो बचत नहीं करते हैं। उनके पास आगे पेमेंट करने के लिए कोई फंड नहीं होता है।"

RBI Monetary Policy August 2020

  • रिजर्व बैंक द्वारा द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले शेयर बाजार में तेजी का रुख है। 11.56 बजे एनएसई का निफ्टी 63 अंकों की बढ़त के साथ 11,164.65 के स्‍तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, बैंक निफ्टी 0.03 फीसद की गिरावट के साथ 21502.80 के स्‍तर पर कारोबार करता नजर आया। 
  • Repo Rate में नहीं हुआ बदलाव। मौद्रिक नीति कमेटी ने इसे 4 फीसद पर रखा बरकरार।
  • दास ने कहा कि जुलाई में कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 के मामलों में तेजी आने से अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीदों को झटका लगा है।
  • आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस साल की पहली छमाही में महंगाई दर में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, दूसरी छमाही में इसमें कमी आने की उम्मीद है।
  • 12.12 बजे बैंक निफ्टी 0.24 की गिरावट के साथ 21458.15 के स्‍तर पर कारोबार करता नजर आया। 
  • केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी को लेकर अपने रुख को 'एकोमोडेटिव' रखा है।
  • आरबीआई गवर्नर दास का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार होना शुरू हो गया था, लेकिन संक्रमण में वृद्धि ने लॉकडाउन के लिए मजबूर कर दिया 
  • क्रेडिट ग्रोथ 6 दशक के निचले स्तर पर : हाल में केंद्रीय बैंक ने कई चरण में सिस्टम में जबरदस्त नकदी डालने का काम किया है। वहीं, सरकार ने भी कई तरह के प्रयास किए हैं। हालांकि, किसी भी तरह की कोशिश से बॉरोइंग गतिविधियों को मजबूती नहीं मिली है। क्रेडिट ग्रोथ 6 फीसद पर है, जो पिछले 6 दशक में सबसे निचले स्तर पर है।
  • केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति पर दबाव होने की वजह से रेपो रेट में कटौती पर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई। खुदरा महंगाई दर जून में 6.09 फीसद के स्तर तक पहुंच गई। यह रिजर्व बैंक के 2-6 फीसद के लक्ष्य से अधिक है।
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सबसे कम निवेश ग्रेड बांड के भी प्रसार में काफी कमी आई है।
  • आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक अंक में रहने का अनुमान है। हालांकि, कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह की सकारात्मक खबर से परिदृश्य बदल जाएगा।
  • अतिरिक्त विशेष लिक्विडिटीः दास ने सिस्टम में अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये डालने की घोषणा की। ये अतिरिक्त लिक्विडिटी नाबार्ड और नेशनल हाउसिंग बैंक को उपलब्ध करायी जाएगी। इससे एनबीएफसी और हाउसिंग सेक्टर को मौजूदा संकट से निकलने में मदद मिलेगी।
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने समाधान योजना के लिए दिग्गज बैंकर केवी कामत की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञता समिति का गठन किया है।
  • दास ने कहा कि प्राथमकिता वाले क्षेत्र को लेंडिंग से जुड़े दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए जल्द ही एक प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी।
  • दास ने कहा कि RBI ने कोविड-19 के प्रभावों को कम करने के लिए बैंकों को कॉरपोरेट और व्यक्तिगत लेनदारों के कर्ज के पुनर्गठन का मौका देने की अनुमति दे दी है।
  • आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक आने वाले समय में एक इनोवेशन हब की स्थापना करेगा। वहीं, डिजिटल भुगतान को लेकर एक ऑनलाइन डिस्प्यूट मैकेनिज्म भी लाया जाएगा।

क्‍या होता है रेपो रेट (Repurchase Rate or Repo Rate)?

Repo Rate को कुछ इस तरह समझिए कि बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक इसी प्रकार बैंकों को भी अपने लोन देने के इस काम के लिए भारी-भरकम राशि की जरूरत होती है और इसके लिए वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से उधार लेते हैं। बैंकों द्वारा लिए जाने वाले इस लोन पर RBI जिस दर से ब्याज वसूलता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।

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