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नए नक्शे को मंज़ूरी देकर नेपाल ने भारत के साथ खड़ा किया विवाद, नेपाली PM बोले - लिपुलेख-कालापानी को करेंगे हासिल | Nepal PM defends new map says limpiyadhura lipulekh and kalapani will be reclaimed

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नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख (Lipulekh, Kalapani & Limpiyadhura) को नेपाल की सीमा में लौटाने की मांग करते हुए संसद में विशेष प्रस्ताव भी रखा था.

काठमांडू: भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने एक नया राजनीतिक नक्शा जारी करके नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. इस बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को नेपाल के इस दावे को एक बार फिर दोहराया है. इस संबंध में एक सांसद द्वारा सवाल पूछे जाने पर ओली ने कहा कि इन क्षेत्रों को वापस लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाएंगे.

केपी शर्मा ने कहा, "जिम्मेदार सरकार के मुखिया के रूप में, मैं सदन को बताना चाहता हूं कि लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के मुद्दे को छोड़ नहीं जाएगा. इस संबंध में ठोस निष्कर्ष निकाला जाएगा. हम इस मुद्दे को धूमिल नहीं होने देंगे और राजनयिक वार्ता के जरिए इसका समाधान किया जाएगा तथा क्षेत्रों को फिर से हासिल किया जाएगा."

भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल के कैबिनेट ने एक नया राजनीतिक मानचित्र (नक्‍शा) स्वीकार किया है जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार गयावली (Pradeep Kumar Gyawali) ने इस कदम की घोषणा से हफ्तों पहले कहा था कि कूटनीतिक पहलों के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं.

नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख (Lipulekh, Kalapani & Limpiyadhura) को नेपाल की सीमा में लौटाने की मांग करते हुए संसद में विशेष प्रस्ताव भी रखा था.

गौरतलब है कि लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है. भारत और नेपाल, दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं. भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है, वहीं नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है.

गयावली ने भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को पिछले हफ्ते तलब किया था और लिपुलेख को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग के निर्माण के खिलाफ विरोध जताने के लिए कूटनीतिक नोट सौंपा था. भारत ने कहा था कि उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ जिले में हाल में उद्घाटित सड़क मार्ग पूरी तरह उसकी सीमा के भीतर आता है. नेपाल के वित्त मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता युवराज खाटीवाड़ा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने देश के नये राजनीतिक मानचित्र को स्वीकृत किया है.

नेपाल और भारत के बीच पिछले कुछ दिनों से सीमा विवाद को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. सोमवार को नेपाल ने अपने देश का नया नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है. अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत को लेकर तंज भरी टिप्पणी की है.

नेपाली पीएम ने ट्वीट किया, भारत के अशोक चक्र में सत्यमेव जयते लिखा है या सिंहमेव जयते. ओली का इशारा भारत की ताकत को लेकर था.

भारत के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर नेपाल के पीएम ने कहा, ऐतिहासिक गलतफहमियों को खत्म करने का विचार भारत के साथ दोस्ती गहरी करने के लिए ही है. इस मुद्दे पर चीन के साथ भी बातचीत हो रही है और नेपाल ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है.

8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था,जिसे लेकर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा था कि भारत भले लिपुलेख में बनी सड़क का इस्तेमाल कर ले लेकिन वह अपने पूर्वजों की एक इंच जमीन पर दावा नहीं छोड़ेंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में ओली ने भारतीय सेना प्रमुख एम. एम नरवणे के बयान पर भी आपत्ति जताई. दरअसल, नरवणे ने चीन का नाम लिए बगैर कहा था कि लिपुलेख पर नेपाल किसी और के इशारे पर विरोध कर रहा है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर नेपाल की आर्मी और सरकार ने नरवणे के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

6 महीने पहले जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के दो राज्यों में विभाजन के बाद नया नक्शा जारी किया था तो इसमें कालापानी को शामिल करने को लेकर नेपाल ने विरोध दर्ज कराया था. उस वक्त से ही नेपाल में देश का नया नक्शा जारी करने की मांग उठ रही थी.

Tags: KP Sharma Oli Nepal Prime Minister Nepal नेपाल भारत सीमा विवाद लिपुलेख कालापानी nepal kp oli narendra modi nepal china nepal india relation

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