A Smart Gateway to India…You’ll love it!
WelcomeNRI.com is being viewed in 121 Countries as of NOW.
A Smart Gateway to India…You’ll love it!
You are Here : Home » Ajab Gajab News » Mangla gauri vrat know puja vidhi and vrat katha

Mangla Gauri Vrat 2020: मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा विधि और व्रत कथा | Mangla gauri vrat know puja vidhi and vrat katha

Mangla gauri vrat

इस दिन मंगला माता की पूजा करने और कथा सुनने से मनचाहा फल मिलता है.

सावन महीने (sawan month 2020) के सोमवार के दूसरे दिन यानी मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत मनाया जाता है. इस व्रत को सभी सुहागिन महिलाएं मनाती है. मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सुहादिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन मंगला माता की पूजा करने और कथा सुनने से मनचाहा फल मिलता है. माना जाता है कि श्रावण मास के इस मंगलवार को व्रत रखने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं.

एक नगर में एक व्यापारी अपनी पत्नी के साथ सुखी से जीवन जी रहा था. उसे धन दौलत की कोई कमी नहीं थी. लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी. इसलिए सारी सुख सुविधाएं होते हुए थी दोनों पति पत्नी खुश नहीं रहते थे. खूब पूर्जा अर्चना करने के बाद उन्हें पुत्र का वरदान प्राप्त हुआ. लेकिन ज्योतिषियों ने कहा कि वह अल्पायु है और 17 साल का होते ही उसकी मृत्यु हो जाएगी. इस बात को जानने के बाद पति पत्नी और भी दुखी हो गए. लेकिन उन्होंने इसे ही अपना और पुत्र का भाग्य मान लिया. कुछ समय बाद उन्होंने अपने बेटे की शादी एक सुंदर और संस्करी कन्या से कर दी. वह कन्या सदैव मंगला गौरी का व्रत करती और मां पार्वती की विधिवत पूजन करती थी. इस व्रत के प्रभाव से उत्पन्न कन्या को अखंड सौभाग्यवती होने का आशिर्वाद प्राप्त था. इसके परिणाम स्वरुप सेठ के पुत्र की मृत्‍यु टल गई और उसे दीर्घायु प्राप्त हुई.

ऐसे करें मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) की पूजा-

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा कोरे (नवीन) वस्त्र धारण कर व्रत करना चाहिए.
  • इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है.
  • एक लकड़ी के तख्त पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां मंगला गौरी यानी मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें.

पूजा में इन वस्‍तुओं को करते हैं शाम‍िल

इस पूजन में षोडशोपचार में माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें। ध्‍यान रखें कि इनकी संख्‍या 16 होनी चाहिए। इसमें फल, फूल, माला, मिठाई और सुहाग की वस्‍तुओं को शामिल करें। संख्‍या लेकिन 16 ही हो। पूजन समाप्ति के बाद आरती पढ़ें। मां से अपनी मनोकामना पूर्ति का अनुनय-विनय करें। विद्वान कहते हैं कि इस व्रत में एक बार अन्‍न ग्रहण करने का प्रावधान है।

अखंड सौभाग्‍य और मधुर होता है दांपत्‍य जीवन

मंगला गौरी व्रत पूजन से व्रती का सौभाग्‍य अखंड होता है। यदि किसी के दांपत्‍य जीवन में कोई कष्‍ट होता है तो वह भी मां की कृपा से दूर हो जाता है। इसके देवी मां जीवन में सुख और शांति का आर्शीवाद देती हैं। यदि व्रती को संतान प्राप्ति की मनोकामना हो तो यह व्रत करने से उसकी यह भी कामना पूरी होती है। देवी पार्वती भक्‍त से बड़ी ही जल्‍दी प्रसन्‍न हो जाती है। नियम बस इतना है कि व्रती पूरी श्रद्धा और निष्‍कपट भावना से मां का व्रत और पूजन करें।

Tags: mangla gauri vrat 2020 mangla gauri vrat mangla gauri vrat katha mangla gauri vrat puja vidhi sawan month 2020 sawan 2020 मंगला गौरी व्रत पूजा विधि व्रत कथा मंगला गौरी व्रत 2020 मंगला गौरी व्रत का महत्‍व मंगला गौरी व्रत तिथि

You may be intrested in

A Smart Gateway to India…You’ll love it!

Recommend This Website To Your Friend

Your Name:  
Friend Name:  
Your Email ID:  
Friend Email ID:  
Your Message(Optional):