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George Floyd murder Trump threatens to use military
डॉक्टरों ने फ्लॉयड की मौत को बताया हत्या, 140 शहरों में फैली हिंसा, ट्रंप ने सेना बुलाने की दी धमकी | George Floyd murder Trump threatens to use military
अमेरिका में अश्वेत फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुआ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच डॉक्टरों ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को हत्या बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के उनके गले पर दबाव बनने से उनके दिल ने काम करना बंद किया। उधर, अमेरिका में हिंसा लगातार फैलती जा रही है। अब तक 140 शहर हिंसक प्रदर्शनों की चपेट में आ गए हैं। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंसक प्रदर्शन नहीं रूकने पर सेना तैनात करने की धमकी दी।
अमेरिका में नागरिकों का यह कई दशकों में सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है। देश के करीब 140 शहरों में हिंसक प्रदर्शन की आग फैल गई है। मिनीपोलिस में 25 मई को 46 वर्षीय फ्लॉयड की गर्दन को एक पुलिसकर्मी ने घुटने से काफी देर तक दबाए रखा, जिससे उसकी मौत हो गई।
राष्ट्रपति बोले- दुखी हैं अमेरिकी
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ट्रंप ने यह भी कहा कि फ्लॉयड की बर्बर मौत से सभी अमेरिकी दुखी हैं और इसका विरोध कर रहे हैं और इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में न्याय होगा। ट्रंप ने राष्ट्र को आश्वासन दिया कि वह हिंसा को रोकने और अमेरिका में सुरक्षा बहाल करने के लिए कदम उठा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने बर्बादी और आगजनी को, दंगों और लूट को रोकने तथा कानून का पालन करने वाले अमेरिकियों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए सभी उपलब्ध सरकारी संसाधनों, नागरिकों और सेना को जुटा लिया है।
'हिंसा नहीं रुकी तो सेना की तैनाती'
उन्होंने चेतावनी दी, ''आज मैं प्रत्येक गवर्नर को सड़कों पर पर्याप्त संख्या में नेशनल गार्ड की तैनाती करने की सलाह देता हूं। मेयरों और गवर्नरों को हिंसा समाप्त होने तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों या अधिकारियों की जबर्दस्त उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। अगर कोई शहर या राज्य अपने निवासियों के जान-माल की रक्षा करने के लिए जरूरी कदम उठाने से इनकार करता है तो मैं अमेरिकी सेना को तैनात करुंगा और उनके लिए जल्द ही समस्या का हल कर दूंगा।''
क्या कहा डॉक्टरों ने?
अमेरिका के एक डॉक्टर ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को सोमवार को हत्या करार दिया और कहा कि पुलिस द्वारा उसे बांधे रखने और गले पर दबाव बनाने के कारण उसके दिल ने काम करना बंद कर दिया था। यही वाकया कैमरे में भी कैद हो गया था जिसके बाद से पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
चिकित्सीय रिपोर्ट में कहा गया, ''कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा दबाव बनाए रखने के कारण मृतक को दिल का दौरा पड़ा।'' इस रिपोर्ट में मौत के 'अन्य महत्त्वपूर्ण कारणों' में फ्लॉयड का दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप से पीड़ित होना और फेंटानिल का नशा और हाल में मेथामफेटामाइन का प्रयोग करना भी बताया गया।
फ्लॉयड के परिवार के लिए पोस्टमार्टम
मिनियापोलिस के एक पुलिस अधिकारी पर फ्लॉयड की मौत के मामले में थर्ड डिग्री हत्या का आरोप लगा है और उसके साथ तीन अन्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। फ्लॉयड परिवार के वकील ने सोमवार को बताया कि उसके परिवार के लिए किए गए पोस्टमार्टम में पाया गया कि गले और पीठ पर दबाव के कारण सांस नहीं ले पाने के चलते उसकी मौत हुई। वकील बेन क्रंप ने बताया कि एरिक गार्नर के शव का परीक्षण करने वाले एक अन्य डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि दबाव के कारण फ्लॉयड के मस्तिष्क तक खून नहीं पहुंच पाया और उसकी पीठ पर अन्य अधिकारियों के घुटने से बनाए गए दबाव ने उसका सांस ले पाना मुश्किल कर दिया था।
न्यूयॉर्क में रात में कर्फ्यू
वहीं हिंसा रोक पाने में अधिकारियों के विफल रहने के बाद न्यूयॉर्क सिटी में सोमवार देर रात कर्फ्यू लगा दिया गया। देश के अन्य शहरों की तरह न्यूयॉर्क में भी रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा।
पुलिस अधिकारी निलंबित
इस बीच कर्फ्यू लागू करने के दौरान गोली चलाने वाले लुइसविले पुलिस प्रमुख को बर्खास्त कर दिया गया जब मेयर को पता चला कि गोलीबारी में शामिल अधिकारी हिंसा के दौरान बॉडी कैमरा (वर्दी पर पहने जाना वाला कैमरा) चालू करने में विफल रहे। इस गोलीबारी में एक प्रसिद्ध बार्बेक्यू स्थल के मालिक की मौत हो गई थी।
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अमेरिका में क्यों हो रही है हिंसा
Published: June 02, 2020 - 06:22 | Updated: June 02, 2020 - 06:22
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