जब सौंदर्य की देखभाल या साज-संवार का प्रश्न उठता है तो समस्या यह उत्पन्न होती है कि हर मौसम में सौंदर्य को कैसे कायम रखा जाए। हर मौसम का अपना स्वभाव होता है और उसी के अनुरूप मेकअप भी। इसलिए इस बात की जानकारी होना आवश्यक है कि किस मौसम में किस प्रकार का मेकअप इत्यादि करके सौंदर्य की रक्षा की जाए।
लीजिए, आपके लिए पेश है हर मौसम में सौंदर्य को बनाए रखने के कुछ सरल उपाय।
     बरसात के मौसम में पैरों को पानी से बचाने के लिए जहां तक संभव हो सके जूते य बैली ही पहनें। सर्दियों में ऊनी जुराब के साथ जूते पहनें। गर्मियों में सुविधानुसार चप्पल या सैंडिल का चयन करें।
     गर्मियों में पैरों में पसीना आने से रोकें। फुट पाउडर का प्रयोग करें। सर्दियों में एडि़यां फट जाती है। वैसलीन या कोई अच्छी एण्टीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें। बरसात में पैरों की नियमित सफाई मेडिकेटिड साबुन से करे।
     गर्मियों में बालों की ओर भी पूरा ध्यान दें। धूल-मिट्टी तथा पसीने के काराउनमें गंदगी जम जाती है। सप्ताह में दो बार शैम्पू प्रयोग करें। बारिश में भीगे बालों को खोलकर सुखा लें अन्यथा जुंए पड़ने का अंदेशा है।
     सर्दियों में त्वचा रूखी हो जाती है तथा फट जाती है। अच्छी कोल्ड क्रीम प्रयोग करें। त्वचा को ठंडी हवा से बचाएं। गर्मियों में त्वचा को धूप से बचाकर रखें। धूप से झुलसकर त्वचा का रंग गिर जाता है, त्वचा लटक सी जाती है। बरसात में त्वचा की एलर्जी तथा संकक्रमण से बचें। इससे शरीर पर दाने, खारिश तथा चकत्ते आदि पड़ जाते हैं।
     गर्मी व बरसात में चटपटे, तले-भुने मसालेदार भोजन तथा बाजार में बिकने वाली चाट-पकौडी का सेवन न करें। सर्दियों में इस प्रकारकाभोजन कभी-कभार किया जा सकता है।
     बरसात व गर्मियों में नींबू पानी, लस्सी, ठंडे पेय का सेवन अधिक करें, जबकि सर्दियों में चाय, काॅफी का सेवन इच्छानुसार किया जा सकता है।
     बरसात में बालों की बढ़ोत्तीर अधिक होती है। अतः समय-समय पर बालों की ट्रिमिंग कराती रहें। सर्दियों में इच्छानुसार बाल बढ़ाए जा सकते हैं। इन्हें गर्मी का मौसम आने पर इच्छानुसार कटवा लें।
     गर्मी तथा बरसात में गहरा मेकअप कदापि न करें। पानी या पसीने के सम्पर्क में आकर मेकअप फैल सकता है। सर्दियों में मनवांछित गहरा या हल्का-कैसा भी मेकअप कर सकती है।
     बरसात व गर्मियों में हल्के रंग के, जहां तक संभव हो सके सूती कपड़े ही पहनें। चटख व शोख रंगों वाले कपड़े सर्दियों में अधिक फबते हैं।
     गर्मी तथा बरसात में गीली-बिन्दी का प्रयोग न करें। लिपस्टिक भी बहुत जरूरी होने पर हल्के शेड की प्रयोग करें।
     गर्मी तथा बरसात में हल्का, सुपाच्य तथा पौष्टिक आहार लें।
     आई लाइनर, शैड़ों और मस्कारा का प्रयोग बरसाती मौसम में न करें।
     ये कुछ सौंदर्य संबंधी टिप्स हैं, जिन्हें अपनाकर आप हर मौसम में अपने सौंदर्य कीरक्षा कर सकती हैं।
दांतों को साफ और स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक क्लीन्जर, माउथवाॅश तथा ब्रेथ फ्रेशनर बनाने की कुछ विशिष्ट विधियां
1- नमक तथा बाई कार्बोनेट आॅफ सोडा
     बाई कार्बोनेट आॅफ सोडा 3 बड़े चम्मच
     नमक 3 बड़े चम्मच
     बाई कार्बोनेट आॅफ सोड़ा तथा नमक को आपस में मिलाकर पाउडरनुमा मिश्रण बनाकर एक जार में जमा कर लें। इसे टूथ पाउडरके समान ब्रश लगाकर प्रयोग करें। इसके प्रयोग से दांत पर जीम निकोटीन की परत भी साफ हो जाती है। संतरे तथा नींबू के छिलके का पिसा हुआ चूरा उपरोक्त मिश्रण में मिलाकर लगाने से दांतों पर चमक आती है।
2- जली हुई डबलरोटी के साथ लौंग का तेल-
     जली हुई डबलरोटी को मसलकर महीन चूर्ण बना लें अैर उसमें लौंग का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना लीजिए। इसपेस्ट को ब्रश पर लगा कर दांत साफ कीजिए। यह देखने में आकर्षक न होने के बावजूद दांतों की सफाई और दाग-धब्बे हटाने के लिए बहुत प्रभावकारी नुस्खा है। ब्रश करने के बाद अच्छी तरह मुंह धोइए तथा दांतों के बीच में फंसे हुए डबलरोटी के काले टुकड़े टूथपिक की सहायता से निकाल लीजिए।
3- जली हुई डबलरोटी और शहद-
     जली हुई डबलरोटी को मसलकर महीन चूर्ण बना लें और उसमें शहद मिलकार पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को ब्रश पर लगा कर दांत साफ कीजिए। ब्रश करने के बाद अच्दी प्रकार मुंह धोइए तथा दांतों के बीच में फंसे हुए डलबरोटी के काले टुकड़ों को टूथपिक की सहायता से निकाल दीजिए।
4- स्ट्राबरी-
     दांतों को स्वच्छ रखने तथा उन पर पाॅलिश करने के लिए दांतों पर स्ट्राबरी रगडि़ए। सांसों में महक लाने के लिए कुचली हुई स्ट्राबरी दांतों पर ब्रश द्वारा लगाकर सफाई करें। पिसी हुई स्ट्राबरी के पाउडर से भी दांतों को ब्रश किया जा सकता है।
5- सेज की पत्तियां-
     सेज की पत्तियां चूसने या दांतों पर रगड़ने से दांतों को लाभ होता है। दांतों पर लगी गंदगी साफ होती है। मसूड़े मजबूत बनते हैं दांतों पर सफेदी तथा मोती जैसी चमक आ जाती है।
6- नमक और पानी का घोल-
     नमक तथा पानी का पेस्ट दांतों पर चलने से धूम्रपान के दाग छूट जाते हैं। परंतु इसका प्रयोग कभी-कभी करना चाहिए, वरना दांतों का इनैमल नष्ट होने का भय रहता है।
7- सेज माउथवाॅश-
     एक बड़ा चम्मच सूखी सेज या 1/2 कप सेज की पत्तियां पन्द्रह मिनट तक गर्म पानी में भिगोइए, तत्पश्चात पानी निकालकर ठण्डा कर लीजिए। यह जल गरारे तथा माउथवाॅश के काम में लाइए। यह सांसों की बदबू दूर करता है और मसूड़ों से खून रिसना रोकता है।
8- लैवेन्डर माउथवाॅश-
     एक कप लैवेन्डर के फूलों को गर्म पानी मंे प्रन्दह मिनट के लिए भिगोइए। इसका पानी निकालकर ठण्डा कीजिए और माउथवाॅश की तरह इस्तेमाल कीजिए।
9- लोहबान का माउथवाॅश-
     सादे पानी में लोहबान मिलाकर घोल तैयार कर लें और माउथवाॅश की तरह प्रयोग करें। यह माउथवाॅश कीटाणुओं को नष्ट करता है तथा मसूड़ों से रिसता हुआ खून रोकता है। इसकी सुगन्ध भी मनमोहक होती है।
10- तुरन्त सुवासित सांस-सुगन्ध-
     लौंग, इलायची या मुलहटी चूसने से सांस की दुर्गन्ध तुरन्त ठीक हो जाती है। इसी प्रकार अजमोद की टहनी चूसने से भी फायदा होता है।
11- s दातुन-
     नीम की डंडी चबाकर दांत साफ करने की युक्ति संसार के कई भागों में प्रचलित है। दांतों से चबाकर डंडी को ब्रश का रूप देने के बाद जितनी देर तक इस डंडी को चबाया जाए, उतना ही लाभ मसूड़ों तथा दांतों को मिलता है। दांस साफ होकर चमकने लगते हैं।
     बहुधा यह देखा गया है कि ब्रश से दांतों की ठीक से सफाई नहीं हो पाती है। एक मिनट से भी कम समय के लिए ब्रश करके टूथपेस्ट का मात्र स्वाद ही चखा जा सकता है। अतः ऐसी स्थिति में दांतुन चबाकर दांतों की अच्छी तरह सफाई की जा सकती है।